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इलाज कराने पहुंचे दर्जनों मरीजों को अस्पताल में डॉक्टर मौजूद नहीं मिला.

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कुमार गौरव को एक लिखित आवेदन सौंपकर शिकायत दर्ज कराई.

गोविंदपुर:- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) गोविंदपुर में शनिवार की सुबह उस समय अफरातफरी मच गई जब इलाज कराने पहुंचे दर्जनों मरीजों को अस्पताल में डॉक्टर मौजूद नहीं मिला. चिकित्सक के समय पर नहीं रहने से नाराज़ मरीजों ने जमकर शोर-शराबा किया और अस्पताल परिसर में मौजूद कर्मचारियों से नाराजगी जताई. इसके साथ ही उन्होंने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कुमार गौरव को एक लिखित आवेदन सौंपकर शिकायत दर्ज कराई.
घंटों इंतजार के बाद भी नहीं पहुंचे डॉक्टर’-
विशुनपुर निवासी वीरेंद्र कुमार, जो दंत चिकित्सा के लिए सुबह अस्पताल पहुंचे थे, ने बताया, मेरे दांत में तेज दर्द है. जानकारी के अनुसार शनिवार को डॉक्टर मनीष कुमार की ड्यूटी रहती है. लेकिन कई घंटे इंतजार करने के बाद भी वे नहीं पहुंचे. इसी तरह, दर्शन गांव से आई अर्पणा कुमारी ने कहा, सुबह 9 बजे ही अस्पताल आई हूं लेकिन 2 घंटे बीत चुके हैं अब तक डॉक्टर नहीं पहुंचे हैं. उत्क्रमित मध्य विद्यालय दर्शन के शिक्षक रघुनंदन प्रसाद ने भी अपनी परेशानी साझा करते हुए कहा, स्वास्थ्य खराब होने के कारण जांच कराने अस्पताल आया था, परंतु यहां कोई चिकित्सक नहीं मिला. ऐसे में इलाज कराना मुश्किल हो गया. अंत में कार्यालय में बैठे प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से इसकी लिखित शिकायत की है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कुमार गौरव ने बताया कि शनिवार को रोस्टर के अनुसार दंत चिकित्सक डॉ. मनीष कुमार की ड्यूटी निर्धारित थी, लेकिन वे न तो अस्पताल पहुंचे और न ही कोई पूर्व सूचना दी. जब उनसे संपर्क किया गया तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि मैं आज अस्पताल नहीं आऊंगा. डॉ. गौरव ने कहा अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसी स्थिति में यदि ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक अनुपस्थित रहें तो मरीजों को गंभीर असुविधा होती है. वर्तमान में मैं स्वयं सभी मरीजों की जांच कर रहा हूं, जबकि मेरे ऊपर पहले से ही प्रशासनिक कार्यों का दबाव है. मरीजों और परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से ही सीमित स्वास्थ्य सुविधाएं हैं, और यदि चिकित्सक समय पर उपस्थित न हों तो यह आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ के समान है. गौरतलब हो की पूर्व प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सह सामान्य चिकित्सक डॉक्टर निशीकांत कुमार जो पहले से वे भी छुट्टी में चल रहे है और इस प्रकार दूसरे डॉक्टर का भी अस्पताल न आना तो भला मरीज का इलाज कैसे होगा.

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