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उदयपुर ब्यूरो चीफ/लिम्बाराम उटेर#
कोटड़ा- आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र कोटडा के चिकित्सा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है जिसके चलते समय पर इलाज नही होने से एक नवजात मासूम की मौत हो गई।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मामला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मामेर का बताया जा रहा है। जहां पहले प्रसव पीड़ा पर महिला को कई घंटे तक कोई उपचार नहीं मिला। अंत में चिकित्सा कर्मियों ने यहां प्रसव नहीं होगा यह कहते हुए परिजनों को गुजरात ले जाने को बोला। गुजरात जाते समय बीच रास्ते में महिला का प्रसव हो गया, जहां कुछ देर बाद ही नवजात शिशु की मौत हो गई।
मेडी ग्राम पंचायत की नाकोला निवासी शारदा (27) पत्नी पोपटलाल गमार को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन शुक्रवार शाम करीब सात बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मामेर ले गए। जहां पहुंचने के बाद परिजन एक घंटे तक हॉस्पिटल का दरवाजा खटखटाते रहे, लेकिन दरवाजा नहीं खोला गया। काफी कोशिश के बाद आखिर दरवाजा खोला तो परिजनों ने पहले शारदा को हॉस्पिटल में एडमिट कराया और उपचार करने को कहा, लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी कोई उपचार नहीं किया चिकित्सा कर्मियों ने बोला कि अब यहां डिलीवरी नहीं होगी। कहीं और हॉस्पिटल ले जाओ तब परिजन शारदा देवी को रात में ही निजी वाहन से गुजरात लेकर निकल गए। जहां बीच रास्ते में ही उसने नवजात को जन्म दिया, लेकिन कुछ समय बाद ही उसकी मौत हो गई। वहीं शारदा देवी की हालत नाजुक होने पर उसका गुजरात के हिम्मतनगर के प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।














