

दुमका नगर के खुटा बांध। क्षेत्र में सूर्य उपासना का महापर्व छठ श्रद्धा और आस्था के साथ धूमधाम से मनाया गया। सोमवार की शाम डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर श्रद्धालुओं ने अपने पति व संतान की मंगलकामना के साथ घर की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर पूजा का समापन किया जाएगा।
छठ पर्व दीपावली के छह दिन बाद प्रारंभ होता है। मान्यता है कि सूर्य पुत्र अंगराज कर्ण प्रतिदिन जल में खड़े होकर सूर्य की उपासना करते थे, और उपासना के उपरांत जो भी याचक उनके पास आता, वह कभी खाली हाथ नहीं लौटता था। इसी परंपरा को आज भी श्रद्धालु आस्था के साथ निभाते हैं।
खुटा बांध छठ घाट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। लोगों ने फल, फूल, गन्ना, गुड़ से बने पकवान, घी में तले ठेकुआ और गुड़-चावल से बनी कचौनिया जैसे पारंपरिक व्यंजनों के साथ पूजा-अर्चना की।
श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए छठ घाट कमेटी और जन-जन सेवा फाउंडेशन की ओर से विशेष व्यवस्थाएँ की गईं। फाउंडेशन द्वारा धूप, दीप, अगरबत्ती और गंगाजल की व्यवस्था की गई। वहीं, शिव मन्दिर समन्द खुटा बंध तक सड़कों को पानी के टैंकर से धुलवाया गया ताकि श्रद्धालुओं को स्वच्छ वातावरण मिल सके। घाट परिसर को आकर्षक विद्युत सज्जा और फूलों से मनमोहक रूप दिया गया।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर नगर थाना प्रभारी थाना पुलिस पूरी तरह मुस्तैद रही और पूरे क्षेत्र में विशेष एवसुरक्षा व्यवस्था की गई।
छठ घाट पर उमड़ी भीड़ और उत्साह ने पूरे दुमका नगर क्षेत्र को भक्ति और आस्था के रंग में रंग दिया।

















