

रामगढ़ (दुमका): बसधुमा पंचायत के निचे टोला गाँव में आज पर्यावरण एवं जैव विविधता पर आधारित एक विशेष बाल-शिक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन “वाइल्ड फूड फॉरेस्ट्स इन ट्राइबल झारखंड” परियोजना के अंतर्गत परियोजना प्रमुख कुलेश भंडारी ने किया।इस अवसर पर कुलेश भंडारी ने बच्चों को स्थानीय पेड़-पौधों, बीजों और वनस्पतियों की पहचान कराई तथा समझाया कि जंगल केवल पेड़ नहीं, बल्कि जीवन का स्रोत है। उन्होंने बच्चों को बताया कि किस प्रकार हमारे आसपास उगने वाले पेड़ हमें भोजन, दवा और स्वच्छ वायु प्रदान करते हैं।कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों ने बारी-बारी से पत्तों और जड़ी-बूटियों को पहचानना सीखा तथा स्थानीय नामों को याद किया। भंडारी ने ‘प्रकृति से सीखो, प्रकृति को बचाओ’ का संदेश देते हुए कहा कि आने वाली पीढ़ी को अपने गाँवों की जैव-विरासत को समझना और सहेजना ही असली शिक्षा है।
इस कार्यक्रम में महिलाओं ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। उन्होंने पारंपरिक औषधीय पौधों के उपयोगों पर चर्चा की और बताया कि कैसे पहले के समय में हर घर में अपने-अपने बगीचे और औषधीय पेड़ हुआ करते थे।सहयोगी के रूप में विकास फाउंडेशन ट्रस्ट की उपस्थिति भी रही, जिसने समुदाय को इस जन-अभियान से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कार्यक्रम के अंत में श्री भंडारी ने बच्चों के साथ सामूहिक चित्र खिंचवाया और घोषणा की कि अगले चरण में गाँव के स्कूल क्षेत्र में “बाल-हरित उद्यान” (Children’s Eco Garden) विकसित किया जाएगा, जहाँ बच्चे स्वयं पौधे लगाएंगे और उनकी देखभाल करेंगे।

















