
सरायपाली नगर के बहुचर्चित गौरव पथ को लेकर राजनीतिक तापमान अचानक बढ़ गया है। इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही आक्रामक रुख अपनाते हुए एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। गौरव पथ निर्माण में अनियमितताओं की शिकायतों के साथ-साथ अब भुगतान प्रक्रिया को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि गौरव पथ के निर्माण में गुणवत्ता से समझौता किया गया है और तय मानकों का पालन नहीं हुआ। वहीं, निर्माण कार्यों से संबंधित भुगतान में भी गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है। विपक्ष के नेता पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अमृत पटेल का भी बयान सामने है, उनका कहना है यह कार्य कांग्रेस सरकार का देन हैं और भाजपा अपना श्रेय ले रहे है साथ उन्होंने कहा कि जनता के पैसों से बने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में पारदर्शिता नहीं बरती गई।
दूसरी ओर, सत्ता पक्ष के चंद्रकुमार पटेल ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि गौरव पथ का निर्माण नियमानुसार किया गया है और भुगतान भी निर्धारित प्रक्रिया के तहत ही हुआ है। सत्ता पक्ष का दावा है कि राजनीतिक लाभ के लिए बेवजह मुद्दे को तूल दिया जा रहा है और विकास कार्यों को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
वही ठिक नगर के वरिष्ठ पत्रकार दिलीप गुप्ता भी इस गौरव पथ निर्माण कार्य से काफी नाराजगी जाहिर किया।
वही इस गौरव पथ को लेकर चल रहे इस राजनीतिक विवाद के चलते नगर की जनता भी असमंजस में है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन इस पूरे मामले में क्या कदम उठाता है और क्या किसी तरह की जांच कराई जाती है या नहीं। फिलहाल, सरायपाली में गौरव पथ राजनीति का केंद्र बना हुआ है।













