
सपा नेता आजम खां के खिलाफ यतीमखाना बस्ती को खाली कराने के मामले में बरेली के नवाबगंज थाने के इंस्पेक्टर कोर्ट में पेश नहीं हुए। कोर्ट ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। इसकी अगली सुनवाई 5 नवंबर को होगी।
सपा नेता आजम खां पर कोतवाली में दर्ज यतीमखाना बस्ती को खाली कराने के मामले में शुक्रवार को गवाही के लिए बरेली के नवाबगंज थाने में तैनात इंस्पेक्टर कोर्ट नहीं पहुंचे। जिस पर कोर्ट ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए पांच नवंबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया।
शहर कोतवाली में सपा नेता आजम खां के खिलाफ वर्ष 2019 में यतीमखाना बस्ती को खाली कराने के नाम पर लूटपाट, मारपीट और डकैती के 12 मुकदमे दर्ज कराए गए थे। यह मुकदमे कोर्ट में विचाराधीन हैं। पिछले दिनों बचाव पक्ष के अधिवक्ता के प्रार्थनापत्र पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी मुकदमों की सुनवाई एक साथ करने का आदेश दिया था।इस आदेश के बाद शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान बरेली के नवाबगंज थाने में तैनात इंस्पेक्टर राजकुमार शर्मा को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन इंस्पेक्टर कोर्ट नहीं पहुंचे। जिसकी वजह से उनकी गवाही नहीं हो सकी।
कोर्ट ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए सुनवाई के लिए पांच नवंबर की तारीख तय कर दी। आजम खां इस समय सीतापुर जेल में बंद हैं।
युवक की हत्या करने वाले पिता-पुत्र समेत चार को उम्रकैद
युवक की हत्या के मामले में कोर्ट ने पिता-पुत्र समेत चार को उम्रकैद व 10-10 हजार रुपये का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने झूठी गवाही देने पर मृतक के भाई के खिलाफ वाद दर्ज करने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान ज्यादातर गवाह अपने पूर्व के बयानों से पलट गए, लेकिन कोर्ट ने फारेंसिक रिपोर्ट को अहम साक्ष्य मानते हुए सजा सुनाई है।हत्या की यह वारदात स्वार कोतवाली क्षेत्र के नानकार रानी गांव की है। गांव निवासी भूरा का उसके चचेरे भाइयों से जमीन के बंटवारे को लेकर विवाद था। इस दौरान भूरा का भाई दानिश छत पर चढ़कर गाली गलौज करने लगा,जिस पर शादाब, रहमतअली, बब्बू ने उसे लाठी डंडो से पीटा, जबकि सिराज ने दानिश की गोली मारकर हत्या कर दी।
पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करते हुए हत्या में प्रयुक्त तमंचा सिराज की निशानदेही पर बरामद किया। पुलिस ने तफ्तीश के बाद चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। कोर्ट ने इस मुकदमे की सुनवाई करते हुए शुक्रवार को फैसला सुनाया। सुनवाई के दौरान डीजीसी अमित सक्सेना ने वादी भूरा समेत नौ गवाहों के बयान दर्ज कराए।
साथ ही फारेंसिक रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश की,जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि अधिकतर गवाहों ने घटना का समर्थन नहीं किया है और पत्रावली पर पुख्ता सुबूत नहीं हैं।
दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जिला जज सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने रहमत अली और उनके बेटे शादाब, बब्बू उर्फ रियासत और सिराज को दोषी करार देते हुए उम्रकैद व 10-10 हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने झूठी गवाही देने पर मृतक के भाई भूरा के खिलाफ वाद दर्ज कर नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैंं।मौ दीन रिपोर्टर भोजपुर जिला मुरादाबाद



