उत्तर प्रदेशबलिया

बाहरी टीम को बड़ी तस्करी की खेप की जानकारी मिल जाती है और स्थानीय पुलिस मात्र सहयोगी क्यों बनी रहती है?

अजीत मिश्रा (खोजी)

बलिया : गो तस्करी, अवैध शराब तस्करी के लिये कुख्यात नरही थाना विश्वकर्मा जयंती के दिन एक बार फिर से चर्चाओ मे आ गया है। एडीजी वाराणसी जोन पीयूष मोडिया के नेतृत्व मे की गयी छापेमारी और उसके बाद की गयी बड़ी कार्यवाही के बाद लगा था कि नरही थाना क्षेत्र तस्करी मुक्त हो जायेगा। लेकिन लगभग डेढ़ साल बाद भी परिस्थितियां ज्यों कि त्यों दिखने लगी है।

अभी दो दिन पहले भारी मात्रा में पकड़ी गई थी अवैध शराब तो 17 सितंबर को लखनऊ एसटीएफ और नरही पुलिस ने संयुक्त रूप से एक ट्रक से आठ कुंतल से अधिक गांजा पकड़ी है, जिसकी बाजारू क़ीमत 82 लाख 70 हजार लगायी जा रही है। ट्रक के साथ दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है। सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि बाहरी टीम को बड़ी तस्करी की खेप की जानकारी मिल जाती है और स्थानीय पुलिस मात्र सहयोगी क्यों बनी रहती है?

मुखबिर की सूचना पर नरही पुलिस एवं एस०टी०एफ० के टीमों द्वारा वाहन चेकिंग के दौरान एक ट्रक वाहन की घेराबन्दी कर ट्रक की तलाशी लिया.ट्रक के अन्दर से 08 कुन्तल 26 किलो 900 ग्राम अवैध मादक पदार्थ ( गांजा ), बरामद किया गया जिसको ट्रक में पीछे लदे 03 सोफा 03 सीटर व 06 सिंगल सीटर सोफा सेट से छुपाया गया था.बरामद किये गये कुल अवैध मादक पदार्थ (गांजा) की अनुमानित कीमत लगभग 82,70,000 बतायी जा रही है।

मौके से ट्रक चालक विष्णु खरवार पुत्र इन्द्रासन खरवार, निवासी- मुर्की कला, थाना मोहम्दाबाद जनपद गाजीपुर, और सुकुर अली पुत्र इसहाक अली निवासी–ग्राम लामाबारी, थाना मजबट उदलगुड़ी, असम को हिरासत में लिया गया। गिरफ्तार अभियुक्तों से कड़ाई से पूछताछ करने पर बताया गया कि उनके द्वारा अवैध मादक पदार्थ गांजा को अरुणांचल प्रदेश, असम से सस्ते दाम में खरीदकर उत्तर प्रदेश एवं बिहार में लाकर अधिक दाम पर बेचा जाता है.पुलिस ने दोनों तस्कर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया।

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