दरभंगाबिहार

दरभंगा की महिलाओं ने बदला खेल, समाज में उठाई आवाज़!

दरभंगा में वट सावित्री पर महिला संवाद कार्यक्रम सशक्तिकरण का मंच बना, महिलाओं ने सामाजिक बदलाव और सरकारी योजनाओं पर अपनी आवाज़ उठाई।

वट सावित्री पर ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम बना सशक्तिकरण का उत्सव, दरभंगा की महिलाओं ने दिखाई नई राह

दरभंगा, 26 मई 2025:
वट सावित्री पर्व के शुभ अवसर पर दरभंगा जिले में आयोजित ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम एक सरकारी पहल से आगे बढ़कर महिलाओं के सामाजिक उत्सव और सशक्तिकरण के मंच के रूप में उभरा। इस आयोजन ने महिलाओं को केवल परंपरा निभाने तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उन्हें समाज में बदलाव की आवाज़ बनाने का अवसर दिया।

महिलाओं ने अपने पतियों की दीर्घायु की कामना करते हुए परंपरागत वटवृक्ष पूजन किया, साथ ही पर्यावरण संरक्षण, आत्मनिर्भरता और सामाजिक सुधार का संकल्प लिया। जिले के विभिन्न प्रखंडों—मनीगाछी, बहादुरपुर, कुशेश्वरस्थान, घनश्यामपुर, सिंहवाड़ा, और बेनीपुर में महिला संवाद सत्रों का आयोजन किया गया, जहां जीविका दीदियों ने अपने अनुभवों को साझा कर सरकार की योजनाओं से मिली बदली हुई ज़िंदगी की कहानियाँ प्रस्तुत कीं।

कार्यक्रम की एक विशेषता ‘महिला संवाद रथ’ रही, जो गाँव-गाँव जाकर ऑडियो-विजुअल माध्यमों से सरकारी योजनाओं की जानकारी दे रहा है। इसके माध्यम से महिलाओं को योजनाओं, स्वावलंबन, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी सरल और प्रेरक तरीके से दी गई।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, लघु फ़िल्में और योजनाओं पर आधारित प्रदर्शनी ने कार्यक्रम को संवाद और समझ का केंद्र बना दिया। बेनीपुर प्रखंड में एक स्थानीय शिक्षिका द्वारा मंच से किया गया संबोधन, जिसने वर्षों बाद अपने गाँव लौटकर नई पहचान पाई, पूरे समुदाय के लिए प्रेरणा बन गया। जब गाँव की महिलाओं ने उन्हें सम्मानित किया, तो वह क्षण समुदाय की एकजुटता और आत्मबल का प्रतीक बन गया।

महिलाओं ने जल-जमाव, सोलर लाइट, वृद्धावस्था पेंशन, सिंचाई, बाल विवाह, दहेज प्रथा और नशा जैसी सामाजिक समस्याओं पर खुलकर सुझाव रखे। उन्होंने प्रशासन से इन मुद्दों पर ठोस कार्रवाई की माँग भी की।

कार्यक्रम के समापन पर हजारों महिलाओं ने एकजुट होकर समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ आवाज़ उठाने और पीड़ितों के साथ खड़े रहने का संकल्प लिया।

‘महिला संवाद’ अब केवल कार्यक्रम नहीं, एक आंदोलन बन चुका है।
यह साबित करता है कि जब महिलाएं बोलती हैं, तो समाज की दिशा बदल जाती है। दरभंगा की ग्रामीण महिलाएं अब सशक्तिकरण की मिसाल बन चुकी हैं। आने वाले समय में यह पहल निश्चय ही और अधिक जीवन बदलने का माध्यम बनेगी।

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