

कोरिया – जिले के समस्त धान खरीदी केंद्रों में क्षेत्र के किसानों के लिए धान बेचना एक चुनौती बना हुआ है । पिछले कुछ दिनों से धान खरीदी की कम लिमिट को लेकर किसान परेशान थे और लगातार अपनी मांग उठा रहे थे। इस समस्या को वन्दे भारत चैनल न्यूज़ ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद प्रशासन ने धान खरीदी की सीमा (लिमिट) बढ़ाया तो जरूर लेकिन बावजूद इसके किसान अभी तक संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं ।
बता दें कि खरीदी शुरू होने के बाद से ही किसान इस बात को लेकर चिंतित थे कि तय सीमा कम होने के कारण उनका अतिरिक्त धान खुले बाजार में कम दामों पर बेचना पड़ेगा। किसानों का कहना था कि इस साल पैदावार अच्छी हुई है, लेकिन लिमिट कम होने से उन्हें नुकसान हो रहा था। किसान काफी परेशान थे।
खबर के माध्यम से किसानों की आवाज शासन प्रशासन तक पहुँचते ही संबंधित विभाग हरकत में आया। और सोनहत धान खरीदी केंद्रों में लिमिट पिछले की अपेक्षा 500 क्विंटल रजौली धन खरीदी केंद्र में 300क्विंटल बढ़ा कर 1000 क्विंटल कर दिया गया है अकलासरई में 180 क्विंटल से बढ़ा कर अब 300क्विंटल कर दिया है इसी तरह अन्य केंद्रों पर भी कुछ इजाफा किया गया है ।
इस के बाद से भी केंद्रों पर किसानों के चेहरे पर खुशी नहीं दिख रही है । स्थानीय किसान मुन्ना ने बताया, “हम बहुत डरे हुए थे कि बाकी बची फसल कहां ले जाएंगे, लेकिन खबर चलने और सरकार के फैसले से हमें कुछ राहत मिली है। किसानों ने इस मुहिम के लिए समाचार माध्यमों का आभार व्यक्त किया है। वर्तमान में सभी खरीदी केंद्रों लिमिट को समाप्त करने की आवश्यकता है जिससे कि समस्त किसानों का धान समय पर बिक सके टोकन लेने और तुलाई में किसी प्रकार की असुविधा न हो।












