
करैल में फर्जी जॉब कार्ड से करोड़ों का घोटाला-
आदमी एक जॉब कार्ड तीन
सीधी। आदिवासी बहुल विकासखंड क्षेत्र कुसमी के ग्राम पंचायत करैल में पहले आपने देखा कि किस तरह रोजगार सहायक सह प्रभारी सचिव शिव प्रसाद यादव द्वारा सिंगरौली जिले के निवासी अपने आधा दर्जन से अधिक रिश्तेदारों को फर्जी जॉब कार्ड के सहारे मनरेगा की मजदूरी को रेवड़ी की तरह बांट दिया और करैल पंचायत में ही पदस्थ चौकीदार रमाशंकर पनिका के दो फर्जी जॉब कार्ड बनाकर मजदूरी और मानदेय दोनों का एक साथ भुगतान किया।
रोजगार सहायक और लगभग डेढ दशको से प्रभारी सचिव का दायित्व संभाल रहे शिव प्रसाद यादव किसी भी नियम कायदे को नहीं मानते हैं शायद इसीलिए अपने शुभचिंतकों के बीच सीईओ साहब के नाम से जाने जाते हैं। फर्जी जॉब कार्ड की श्रृंखला में देखिए किस तरह इन्होंने एक ही आदमी के नाम पते बदलकर कई जॉब कार्ड बना डालें और उन्हें मनमानी ढंग से भुगतान कर आहरण करते हैं।
ग्राम पंचायत करैल अंतर्गत ग्राम चंदरसा निवासी जगजाहिर सिंह पिता झूरू सिंह के नाम पर 2 फरवरी 2006 को जॉब कार्ड संख्या एमपी- 15-007- 037-009/44 बनाया गया जिसमें जाहिर सिंह की उम्र 42 वर्ष और उनकी पत्नी दईआ की उम्र 40 वर्ष दर्ज की गई और इन्हें अनुसूचित जनजाति वर्ग का होना बताया गया तथा इनका खाता मध्यांचल बैंक में होना दर्ज किया गया। इसके बाद 14 अप्रैल 2020 को जगजाहिर सिंह पिता झुरू सिंह निवासी ग्राम चंदरसा के नाम पर ही जॉब कार्ड संख्या एमपी 15 – 007- 037- 009/42- ए बनाया गया जिसमें अकेले जगजाहिर सिंह को रखा गया और उनकी उम्र 33 वर्ष बताई गई। बात यही नहीं रुकी बल्कि उसी दिन 14 अप्रैल 2020 को ही जाहिर सिंह पिता झुरू सिंह निवासी ग्राम चंदरसा के नाम पर ही एक तीसरा जॉब कार्ड क्रमांक एमपी- 15-007- 037-009/ 42 बी बनाया गया लेकिन इसकी खासियत यह रही कि इसमें जगजाहिर सिंह की बजाय उनके भाई जगजीवन सिंह का नाम शामिल किया गया।
मजेदार पहलू तो यह है कि उसी दिन 14 अप्रैल 2020 को ही जगजीवन सिंह पिता झुरू सिंह के नाम पर जॉब कार्ड संख्या एमपी- 15-007- 037-007/ 95- सी बनाया गया जिसमें जगजीवन सिंह को चंदरसा की बजाय मछेडी का निवासी बताया गया और उसी में जगजीवन सिंह को परिवार के मुखिया के रूप में दर्शाकर उनकी उम्र 19 वर्ष ज्ञानवती की उम्र 26 वर्ष जग जाहिर की उम्र 26 वर्ष और भरत की उम्र 20 वर्ष बताकर जगजीवन के परिवार में तीन अन्य लोगों को शामिल किया गया और सभी का बैंक खाता यूनियन बैंक आफ इंडिया में होना बताया गया है। सोचने वाली बात यह है कि जिस दिन जग जाहिर की उम्र 33 वर्ष बताई जा रही है उसी दिन उसकी उम्र 26 वर्ष भी बताई जा रही है वहीं जगजीवन की उम्र जिस दिन 30 वर्ष बताई जा रही है उसी दिन उसे 19 वर्ष का भी बताया जा रहा है और एक ही आदमी जग जाहिर सिंह को चार जॉब कार्ड में शामिल किया गया है साथ ही बैंक खाता भी बदल दिया गया है।
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत करैल में करैल सहित मछरकटा , धुरिया, कांसखेड़ा, भमरहा, केरहा मछेडी,चंदरसा और बेदो कुल 9 गांव आते हैं। इनमें से जगजीवन सिंह पिता झुरू सिंह को जिस मछेडी गांव का निवासी बताया गया है वहां पर मतदाता सूची के अनुसार कुल 47 मतदाता है जिसमें जगजीवन का नाम नहीं है जबकि उसे परिवार का मुखिया बताया गया है और जॉब कार्ड केवल वयस्क व्यक्तियों का ही बनता है। इतना ही नहीं ग्राम मछेडी की महिला पंच श्रीमती सीता काली सिंह के मोबाइल नंबर 8305 ** 9 782 पर उनके पति हरिश्चंद्र सिंह बात कर हमने जगजीवन सिंह के बारे में जानकारी हासिल की तो पता चला कि जगजीवन सिंह ग्राम चंदरसा के निवासी हैं मछेडी के नहीं अब यह बात रोजगार सहायक शिव प्रसाद यादव को तो मालूम ही होनी चाहिए क्योंकि वह खुद ग्राम केरहा के निवासी हैं कोई विदेशी नहीं है। इन चार जॉब कार्डों में से जगजाहिर सिंह के जॉब कार्ड क्रमांक एमपी- 15-007- 037-009/42-बी को दिनांक 10 अक्टूबर 2020 और जॉब कार्ड क्रमांक एमपी- 15- 007- 037-009/42- ए को दिनांक 10 अक्टूबर 2020 तथा जगजीवन सिंह के जॉब कार्ड क्रमांक एमपी- 15-007- 037-007/ 95- सी को 13 मार्च 2021 को डिलीट कर दिया गया है। जिस करैल ग्राम पंचायत में कभी 1966 जॉब कार्ड हुआ करते थे वहां आज सिर्फ 235 एक्टिव जॉब कार्ड है जिससे फर्जीवाडे और गबन की गई रकम का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है । महज तीन जॉब कार्डों के जरिए लाखों रुपए का गबन किया जा चुका है और एक अनुमान के मुताबिक करैल ग्राम पंचायत में रोजगार सहायक द्वारा फर्जी जॉब कार्डों के जरिए लगभग 2 करोड रुपए का गबन किया गया है।









