दरभंगाबिहार

द्रोण एकेडमी, पिंडारूच में बच्चों ने झंडा बनाकर दिखाई प्रतिभा

दरभंगा के पिंडारूच गाँव में द्रोण एकेडमी में झंडा दिवस पर बच्चों की झंडा बनाओ प्रतियोगिता, पुरस्कार वितरण और देशभक्ति का उत्सव।

दरभंगा जिला के पिंडारूच गाँव में अवस्थित द्रोण एकेडमी में हाल ही में झंडा दिवस के अवसर पर एक उत्साहवर्धक झंडा बनाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में विद्यालय के सभी विद्यार्थी सक्रिय रूप से शामिल हुए और अपने हुनर का प्रदर्शन किया। बच्चों ने विभिन्न देशों के झंडे बना कर प्रस्तुत किए, जिससे न केवल उनकी रचनात्मकता का परिचय मिला, बल्कि उन्हें विश्व की सांस्कृतिक विविधताओं के बारे में भी जानकारी प्राप्त हुई।

प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया गया। पाँच लड़कियों—राखी कुमारी, सीमा कुमारी, दीपांजलि कुमारी, कृतिका कुमारी और प्रिया भारती—के साथ-साथ पाँच लड़कों—आकाश कुमार, सिद्धांत कुमार, अभिषेक कुमार, राजन कुमार और युष राज—को पुरस्कार देकर उनके प्रयासों की सराहना की गई। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधन की ओर से वरिष्ठ शिक्षक सुनील कुमार झा ने बच्चों को झंडा दिवस मनाने का उद्देश्य और महत्व विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि झंडा केवल एक प्रतीक नहीं है, बल्कि यह देशभक्ति, अनुशासन और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना भी उत्पन्न करता है। सुनील कुमार झा एवं वरिष्ठ शिक्षिका पिंकी चौधरी ने विजेता बच्चों को पुरस्कृत किया।

ऐसे आयोजनों का महत्व बच्चों के सर्वांगीण विकास में अत्यधिक है। यह न केवल उनकी रचनात्मकता और टीम भावना को प्रोत्साहित करता है, बल्कि उन्हें देश और दुनिया के प्रतीकों के प्रति जागरूक बनाता है। द्रोण एकेडमी द्वारा आयोजित यह प्रतियोगिता बच्चों में नवाचार, उत्साह और आत्मविश्वास को बढ़ाने का एक बेहतरीन प्रयास साबित हुई।

झंडा दिवस जैसे कार्यक्रम न केवल बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण में सहायक हैं, बल्कि उन्हें देशभक्ति और सम्मान की भावना से भी जोड़े रखते हैं। द्रोण एकेडमी का यह आयोजन शिक्षा और संस्कार का उत्तम उदाहरण प्रस्तुत करता है।

Sitesh Choudhary

समंदर हूँ, तू शौक से मोती तलाश मुझमें, कुछ भी नहीं रखता, सब किनारे लगा देता हूँ।चढ़ते हुए सूरज की परस्तिश नहीं करता, लेकिन, गिरती हुई दीवारों का हमदर्द हूँ।
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