
पश्चिम बंगाल की राजनीति को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि “बंगाल के लिए आज से लेकर अप्रैल तक का समय बेहद अहम है” और इस दौरान राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। अमित शाह के इस बयान को सीधे तौर पर ममता बनर्जी सरकार की सत्ता को चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममता सरकार पर तीखा हमला
अमित शाह ने कहा कि बंगाल की जनता अब सब कुछ समझ चुकी है और राज्य में बदलाव चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस सरकार के शासन में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है और आम जनता खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है।
महिला सुरक्षा को बनाया बड़ा मुद्दा
गृह मंत्री ने कहा कि बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा एक गंभीर समस्या बन चुकी है।
उन्होंने दावा किया कि:
महिलाओं को शाम 7 बजे के बाद हॉस्टल से बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है
यह स्थिति राज्य सरकार की विफलता को दर्शाती है
किसी भी विकसित और सुरक्षित समाज में ऐसी चेतावनी की जरूरत नहीं होनी चाहिए
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक अमित शाह का बयान:
2026 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा की आक्रामक रणनीति का संकेत है
संगठन विस्तार और जमीनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी का हिस्सा है
एंटी-इनकंबेंसी को चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश है
क्या सत्ता परिवर्तन संभव है?
हालांकि ममता बनर्जी की:
मजबूत जनाधार
तृणमूल कांग्रेस की सांगठनिक ताकत
चुनावी अनुभव
भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं। ऐसे में सत्ता परिवर्तन को लेकर अंतिम फैसला चुनावी नतीजे और जनता की राय पर निर्भर करेगा।
अमित शाह का बयान बंगाल की राजनीति में नई हलचल जरूर पैदा करता है, लेकिन सत्ता पलटने का दावा कितना साकार होगा—यह आने वाला वक्त बताएगा। फिलहाल इतना तय है कि बंगाल में सियासी मुकाबला और तेज होने वाला है।








