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बम की धमकियों के साये में राजस्थान हाईकोर्ट बार चुनाव

बम की धमकियों के साये में राजस्थान हाईकोर्ट बार
चुनाव
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट परिसर में इन दिनों चुनावी सरगर्मी चरम पर है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के आगामी चुनाव को लेकर अधिवक्ताओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। इस बार कुल 5532 पंजीकृत अधिवक्ता अपने मताधिकार का प्रयोग कर नई कार्यकारिणी के गठन में भागीदारी निभाएंगे। चुनाव प्रचार अंतिम चरण में पहुंच चुका है और प्रत्याशी अधिवक्ताओं से समर्थन जुटाने में जुटे हुए हैं।

हालांकि, चुनावी माहौल के बीच हाईकोर्ट परिसर में निरंतर मिल रही बम की धमकियों ने सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता भी खड़ी कर दी है। हाल के दिनों में अदालत परिसर एवं आसपास के क्षेत्रों को लेकर ई-मेल और फोन कॉल के माध्यम से धमकियों की खबरें सामने आती रही हैं, जिन्हें पूर्व में भी अखबारों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है। इन धमकियों के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं और हर सूचना को गंभीरता से लेकर जांच की जा रही है।

पूर्व में प्रकाशित समाचारों के अनुसार, बम की धमकी मिलने के बाद हाईकोर्ट परिसर में कई बार तलाशी अभियान, डॉग स्क्वॉड की मदद और बम निरोधक दस्ता तैनात किया गया। हालांकि जांच में कोई आपत्तिजनक सामग्री बरामद नहीं हुई, लेकिन बार-बार मिल रही धमकियों ने अधिवक्ताओं, वादकारियों और न्यायालय कर्मचारियों के मन में आशंका जरूर पैदा कर दी है।

अधिवक्ताओं का कहना है कि एक ओर लोकतांत्रिक तरीके से बार के चुनाव संपन्न कराने की जिम्मेदारी है, वहीं दूसरी ओर न्याय व्यवस्था से जुड़े हजारों लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि है। कई अधिवक्ताओं ने उम्मीद जताई है कि पुलिस प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां चुनाव के दौरान अतिरिक्त सतर्कता बरतेंगी ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की आशंका न रहे।

बार चुनाव से जुड़े पदों को लेकर मुकाबला रोचक माना जा रहा है और मतदान के दिन बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं के हाईकोर्ट परिसर में एकत्र होने की संभावना है। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी विशेष इंतजाम किए जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

समग्र रूप से देखा जाए तो राजस्थान हाईकोर्ट में एक ओर जहां लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत बार चुनाव को लेकर उत्साह है, वहीं बम की धमकियों के साए में सुरक्षा को लेकर चिंताएं भी गहराती नजर आ रही हैं। सभी अधिवक्ता यही आशा कर रहे हैं कि चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हों और न्याय प्रणाली से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाए।

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