दरभंगाबिहार

सरकारी पहल से एक और भिक्षुक की जिंदगी बदली! खोया बेटा परिवार से मिला!

दरभंगा सेवा कुटीर में रह रहे पी.एन. नारायण स्वामी को प्रशासन की पहल से बेंगलुरु में उनके परिवार से मिलवाया गया और सफलतापूर्वक पुनर्वासित किया गया।

दरभंगा के सेवा कुटीर में रह रहे पी.एन. नारायण स्वामी का पुनर्वास, बेंगलुरु में परिवार से मिलाया गया

दरभंगा। पुरुष भिक्षुक पुनर्वासन गृह, सेवा कुटीर, दरभंगा में 18 मई 2024 से रह रहे पी.एन. नारायण स्वामी जी को उनके गृह नगर बेंगलुरु में परिवार से मिलवाया गया और सफलतापूर्वक पुनर्वासित किया गया।

काउंसलिंग के दौरान यह सामने आया कि पी.एन. नारायण स्वामी के परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है और उन्हें हिंदी भाषा समझने में कठिनाई होती है। इसी वजह से वे स्वयं उन्हें दरभंगा से ले जाने में असमर्थ थे।

इस परिस्थिति को देखते हुए नेहा कुमारी, सहायक निदेशक, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग, दरभंगा एवं श्री गिरीश मोहन शरण, जिला प्रबंधक, दरभंगा के आदेशानुसार सेवा कुटीर, दरभंगा द्वारा विशेष पहल की गई।

क्षेत्र समन्वयक प्रेम शंकर एवं केयर टेकर सुजीत कुमार पासवान के सहयोग से लाभार्थी को उनके गृह नगर बेंगलुरु ले जाया गया और बेंगलुरु रेलवे स्टेशन पर उनकी पत्नी, बेटे एवं भाई से मिलवाया गया।

इस पुनर्वास प्रयास से न सिर्फ एक परिवार फिर से जुड़ा, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों की मदद के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता भी साबित हुई।

Sitesh Choudhary

समंदर हूँ, तू शौक से मोती तलाश मुझमें, कुछ भी नहीं रखता, सब किनारे लगा देता हूँ।चढ़ते हुए सूरज की परस्तिश नहीं करता, लेकिन, गिरती हुई दीवारों का हमदर्द हूँ।
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