
कुशीनगर। जिले में पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार और धनराशि खर्च की पारदर्शिता को लेकर शुरू हुई जाँच अब अधिकारी बनाम अधिकारी की जंग में बदलती नज़र आ रही है। ग्राम पंचायत सोरहवा की वर्ष 2021 से वर्ष 2025 तक की धनराशि के खर्च का ब्यौरा मांगने पर जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक कुमार त्रिपाठी ने RTI अधिनियम के तहत सहायक विकास खण्ड अधिकारी (पंचायत), दुदही को स्पष्ट आदेश जारी किया था।
लेकिन हैरानी की बात यह है कि सहायक विकास खण्ड अधिकारी (पंचायत) दुदही ने इस आदेश को मानने से ही इंकार कर दिया। प्रशासनिक गलियारों में इस रुख को लेकर खलबली मच गई है।
मामला क्या है?
नगर पंचायत दुदही निवासी आनन्द कुमार गुप्ता ने RTI पोर्टल पर आवेदन कर सोरहवा ग्राम पंचायत की चार वर्षों की धनराशि का पूरा ब्योरा मांगा था।
जिला पंचायत राज अधिकारी ने 6(3) की धारा के तहत सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
आदेश के बावजूद संबंधित अधिकारी ने सूचना उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया।
जनता में बढ़ा आक्रोश
ग्राम पंचायत की करोड़ों की धनराशि पर खर्च का हिसाब छिपाने के प्रयास ने ग्रामीणों के बीच संदेह पैदा कर दिया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर आम जनता के पैसे का हिसाब देने से अधिकारी क्यों भाग रहे हैं?
कानूनी पेंच में फंसा मामला
सूचना का अधिकार अधिनियम–2005 के तहत जिला पंचायत राज अधिकारी का आदेश बाध्यकारी होता है। ऐसे में सहायक विकास खण्ड अधिकारी (पंचायत) का आदेश मानने से इनकार सीधा–सीधा अधिनियम की अवहेलना माना जाएगा। अब देखना होगा कि उच्चाधिकारियों की ओर से इस पर कड़ी कार्रवाई होती है या मामला दबा दिया जाएगा।
अब यह विवाद सिर्फ ग्राम पंचायत की धनराशि तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह प्रशासनिक टकराव और अधिकारियों की मनमानी का बड़ा उदाहरण बन गया है।



















