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लाखो रुपए का फर्जी भुगतान की खबर छपने पर ठेकेदार ने गिट्टी डालना किया शुरू, ग्रामीणों ने किया विरोध

बीते 14 माह पूर्व क्षेत्र के गिरवर गांव में 17 लाख का फर्जी भुगतान मामले में प्रशासन ने की थी लीपापोती

लाखो रुपए का फर्जी भुगतान की खबर छपने पर ठेकेदार ने गिट्टी डालना किया शुरू, ग्रामीणों ने किया विरोध

 

बीते 14 माह पूर्व क्षेत्र के गिरवर गांव में 17 लाख का फर्जी भुगतान मामले में प्रशासन ने की थी लीपापोती

 

 

राठ (हमीरपुर)। शासन की जीरो टॉलरेंस नीति की धज्जियां उड़ाते हुए एक बार फिर से राठ ब्लॉक चर्चा का विषय बना हुआ है। बीते दिनों क्षेत्र पंचायत से लाखों रुपए का फर्जी भुगतान की खबर छपने पर बौखलाए ठेकेदार ने ग्राम पंचायत मझगवां के मुख्य मार्ग पर गिट्टी डालना शुरू कर दिया। जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया। लेकिन प्रशासन की हीलाहवाली के चलते सोलिंग कार्य में लाखों रुपये के फर्जी भुगतान कराये जाने की शिकायत रिटायर्ड शिक्षक ने मुख्यमंत्री व डीएम से करने के बाद भी अभी तक जिम्मेदारों ने जांच शुरू नहीं की। मझगवां गांव के रिटायर्ड शिक्षक सुखदयाल राठौर ने बताया कि मुख्यमंत्री व डीएम को शपथ पत्र भेजकर धसान नदी पर कचीरघाट पुल और पहुंच मार्ग का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इसी मार्ग पर किसानों की 15 गाटाओं की भूमि प्रभावित है। भूमि अधिग्रहण का कार्य चल रहा है। परंतु इन गाटों से ग्राम पंचायत मझगवां में क्षेत्र पंचायत द्वारा एक किलोमीटर का फर्जी चयनित रोड मुख्य मार्ग से रामायण मेला मैदान तक सोलिंग कार्य मनरेगा से दिखाते हुए फर्जी भुगतान किया गया है। इस भुगतान में 24 अप्रैल 2024 को 1657254 रुपए और 15 नवंबर को 2024 को 277517 रुपये फर्जी भुगतान का आरोप लगाया है। आरोप है कि इसी तरह मझगवां मुख्य मार्ग से नहर तक सोलिंग कार्य के लिये 16 लाख 9 हजार 9 सौ छह रुपये का भुगतान कराने का आरोप है। जबकि मझगवां में मुख्य मार्ग से नहर तक राज्यमार्ग 42 को वर्ष 2018 से लोक निर्माण विभाग द्वारा बनवाया गया था। आरोप है कि फर्जी निर्माण कार्य दिखाकर साढ़े 35 लाख का फर्जीवाड़ा किया गया है। जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री व डीएम से कर जांचकर कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन जिला प्रशासन की हीलाहवाली के चलते साफ जाहिर होता है कि गमन कर्ताओं की पहुंच और रुतबा अधिकारियों पर किस तरह हावी है। ऐसा ही मामला बीते 14 माह पूर्व क्षेत्र के गिरवर गांव में कच्चा कार्य में क्षेत्र पंचायत से 17 लाख का फर्जी भुगतान मामले में प्रशासन द्वारा लीपापोती की थी। जिस पर आज तक ब्लॉक के भ्रष्टाचारियों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिससे जिले में दबी जुवान पर चर्चा हो रही है कि कही न कहीं अधिकारियों की संलिप्तता बनी हुई है। इसलिए जिले में भ्रष्टाचार रूपी दानव ने अपने पैर जमा लिए हैं। मामले में फोन पर मुख्य विकास अधिकारी चंद्रशेखर शुक्ला ने पुनः जांच कराए जाने आश्वासन दिया।

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