

निवाड़ी। जिले के कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर में शनिवार को जमीन विवाद को लेकर किसानों के प्रदर्शन के दौरान स्थिति उस समय बिगड़ गई, जब प्रभारी मंत्री की गाड़ी का किसानों ने घेराव कर लिया। इस दौरान अफरा-तफरी मच गई और कलेक्टर की गाड़ी को भी नुकसान पहुंचा। घटना के बाद प्रशासन और किसानों के बीच टकराव की स्थिति बन गई।
किसान पक्ष: सुनवाई नहीं होने से फूटा गुस्सा
प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि वे लंबे समय से जमीन विवाद को लेकर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया। किसानों के अनुसार प्रभारी मंत्री के दौरे की सूचना मिलने पर वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने पहुंचे थे, लेकिन मंत्री उनसे मिले बिना ही रवाना हो गए। इसी बात को लेकर किसानों में आक्रोश फैल गया।
किसानों ने दर्ज की गई FIR को एकतरफा कार्रवाई बताते हुए निर्दोष लोगों को फंसाने का आरोप भी लगाया है।
प्रशासन का पक्ष: कानून-व्यवस्था भंग करने वालों पर कार्रवाई
वहीं जिला प्रशासन का कहना है कि किसानों को अपनी समस्याएं रखने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कराई गई थी, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों ने भीड़ को उकसाकर हालात बिगाड़ दिए। प्रशासन के मुताबिक प्रदर्शन के दौरान शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया, जो कानून-व्यवस्था का गंभीर उल्लंघन है।
इसी मामले में पुलिस ने 30 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है, जिसमें 8 आरोपी नामजद—गंगाराम कुशवाहा, प्रमोद कुशवाहा, प्रीतम कुशवाहा, डॉ. जगत कुशवाहा, हरप्रसाद कुशवाहा, संजीव केशरिया, सुनील राजपूत और उर्मिला कुशवाहा—शामिल हैं, जबकि 22 अज्ञात बताए गए हैं। कार्रवाई को वीडियो फुटेज और साक्ष्यों के आधार पर बताया गया है।
आगे क्या?
घटना के बाद कलेक्ट्रेट परिसर में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। प्रशासन ने बातचीत के जरिए समाधान का भरोसा दिया है, जबकि किसानों ने निष्पक्ष जांच और समस्याओं के स्थायी समाधान की मांग दोहराई है। फिलहाल यह मामला जिले की राजनीति और प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।



