

मिजोरम। राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित मिज़ोरम की नन्हीं गायिका एस्तेर लालदुहामी हंमते की सरल, मधुर और भावपूर्ण गायन प्रस्तुति ने न सिर्फ श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया, बल्कि हर भारतवासी के हृदय को गहराई से छू लिया।
उनकी मासूम आवाज़ में झलकता आत्मविश्वास, भारतीय संस्कृति की आत्मा और संगीत के प्रति समर्पण यह दर्शाता है कि प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती। एस्तेर की प्रस्तुति ने देश की विविधता में एकता और पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को पूरे देश के सामने गर्व के साथ प्रस्तुत किया।
यह सम्मान न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि मिज़ोरम और पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए भी गौरव का क्षण है।






