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मंगलवार 30 दिसंबर 2025,
========> आज मंगलवार 30 दिसंबर 2025 को इस वर्ष का आखिरी एकादशी पौष मास की शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी व्रत है। पुत्रदा एकादशी फूजा व्रत खासकर संतान की समस्या दूर करने सुख समृद्धि के लिए किया जाता है।
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हिन्दू धार्मिक मान्यतानुसार पुत्रदा एकादशी व्रत करने से भगवान विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है जिससे घर परिवार में सुख समृद्धि आती है। इस एकादशी पर कई भक्तजन दिनभर निराहार रहकर व्रत करते हैं, भक्तजन एक समय ही दूध फलाहार का सेवन करते हैं। इस बार यह पुत्रदा एकादशी का व्रत मंगलवार 30 दिसंबर 2025 को है। धार्मिक मान्यतानुसार महाभारत में पुत्रदा एकादशी के विषय मे एक पौराणिक कथा आती है कि भगवान श्रीकृष्ण जी ने स्वयं इस व्रत के महत्व के बारे मे धर्मराज युधिष्ठिर को बतलया था कि पुत्रदा एकादशी व्रत करने से भक्तों के सभी संताप दूर होते हैं। यह व्रत करने संस्कारी गुणवान दीर्घायु संतान की प्राप्ति होती है। पौष शुक्ल पक्ष पुत्रदा एकादशी 30 दिसंबर 2025 की सुबह 07:50बजे आरंभ होगी और 31 दिसंबर बुधवार को सुबह 05:00 बजे तक रहेगी। कुछ लोग 30 दिसंबर तो वहीं कुछ लोग 31 दिसंबर को यह व्रत करने वाले है। जो भक्तगण 30 दिसंबर मंगलवार को यह व्रत करेंगे वह 31दिसबंर बुधवार की सुबह व्रत का पारण करेंगे और जो 31 दिसंबर को व्रत करेंगे वह 01 जनवरी2026 को व्रत का पारण करेंगे। इस व्रत मे शुभ योग में दान स्नान आदि करने का विशेष महत्व बतलाया गया है।पुत्रदा एकादशी पर भगवान विष्णु के साथ साथ देवी लक्ष्मी जी की पूजा वंदना करने का विधान भी है।एकादशी व्रत का पारण इसके दूसरे दिन द्वादशी तिथि पर किया जाता है। व्रत के दिन मंदिर या फिर गरीब लोगो को अन्न धन आदि दान किया जा सकता है। गृहस्थ आश्रम का पालन करने वालो के लिए मुख्य रूप से 30 दिसंबर मंगलवार को यह व्रत रखना शुभफलदायक है। वैष्णव परंपरा का पालन करने वाले लोग 31 दिसंबर को व्रत रख सकते है। एकादशी तिथि पर दान का बड़ा महत्व होता है। इस दिन पीले फल अन्न धन वस्त्र तुलसी का पौधा दान करना उत्तम माना जाता है। इस दिन गरीबों को भोजन करना भी उत्तम होता है। दान धर्म से जीवन में खुशहाली सुख समृद्धि आती है।



