
दुमका : जिला परिवहन पदाधिकारी, दुमका की अध्यक्षता में आज पेट्रोल पम्प संचालकों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में यात्री सुविधाओं, सड़क सुरक्षा तथा प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई।जिला परिवहन पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी पेट्रोल पम्प संचालक अपने पम्प परिसर में महिलाओं एवं पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था करें। ये शौचालय स्वच्छ, 24 घंटे पानी की सुविधा सहित खुले रहने चाहिए, ताकि बस एवं अन्य यात्री वाहनों से यात्रा करने वाले यात्रियों, विशेषकर महिलाओं एवं बच्चियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने बताया कि पूर्व में भी बस संचालकों को आवश्यकता अनुसार बस को पेट्रोल पंप पर रोकने का निर्देश दिया गया था।बैठक में यह भी कहा गया कि सभी पेट्रोल पम्पों पर प्रदूषण जांच केंद्र सुचारू रूप से कार्यरत रहना चाहिए। यदि प्रदूषण जांच केंद्र अद्यतन स्थिति में नहीं पाया जाता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। साथ ही संचालकों को अपने स्तर से प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने हेतु प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए, क्योंकि सभी प्रकार के वाहनों के लिए प्रदूषण प्रमाण पत्र का अद्यतन रहना अनिवार्य है।सड़क सुरक्षा प्रबंधक, दुमका ने बैठक में जानकारी दी कि हाल ही में बिना हेलमेट चलने के कारण कई दोपहिया वाहन चालकों की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हुई है। इस पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए निर्णय लिया गया कि सभी पेट्रोल पम्पों पर बड़े एवं बोल्ड अक्षरों में “नो हेलमेट नो फ्यूल ” लिखा हुआ बैनर लगाना अनिवार्य होगा।सभी पेट्रोल पम्प संचालकों को यह भी निर्देश दिया गया कि डीजल/पेट्रोल बिक्री हेतु वैध ट्रेड लाइसेंस अनिवार्य है। जिन पेट्रोल पम्पों का ट्रेड लाइसेंस अद्यतन नहीं है, वे तत्काल इसे अद्यतन कराएं।जिला परिवहन पदाधिकारी ने कहा की दुमका जिला के सभी दोपहिया वाहन चालकों से अपील की कि वे वाहन चलाते समय स्वयं और पीछे बैठने वाले दोनों व्यक्तियों को हेलमेट पहनाना सुनिश्चित करें। यह न केवल कानूनी अनिवार्यता है, बल्कि जीवन की सुरक्षा के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।उन्होंने कहा कि “सर पर हेलमेट नहीं तो गाड़ी में ईंधन की जरूरत नहीं” — इस संकल्प के साथ ही हम जिले के नागरिकों के बहुमूल्य जीवन को दुर्घटनाओं से बचा सकते हैं।