
📰 बड़ी खबर: 🚨 “मिशन शक्ति के तहत सहारनपुर पुलिस का बड़ा कदम – महिलाओं पर फब्तियां कसने वालों पर कसी नकेल, दो आरोपी गिरफ्तार और जेल भेजे गए, ग्रामीण इलाकों में महिला सुरक्षा के लिए सख्त निगरानी” 🚨
✍️ रिपोर्ट : एलिक सिंह
संपादक – समृद्ध भारत समाचार पत्र
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सहारनपुर जिले के तल्हेड़ी बुजुर्ग क्षेत्र से मिशन शक्ति के तहत महिला सुरक्षा को लेकर पुलिस की सख्ती का बड़ा उदाहरण सामने आया है, जहां महिलाओं पर फब्तियां कसने और छेड़खानी करने वाले दो युवकों पर पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा मिशन शक्ति अभियान ग्रामीण और शहरी इलाकों में धीरे-धीरे अपने परिणाम दिखा रहा है। सहारनपुर के देवबंद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले तल्हेड़ी बुजुर्ग इलाके में गुरुवार को हुई इस घटना ने ग्रामीणों को झकझोर कर रख दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, गांव साखन कला में रहने वाली कुछ महिलाओं ने शिकायत की कि गांव के ही दो युवक – कुलदीप पुत्र राजकुमार और सोनू पुत्र कुलदीप – आए दिन महिलाओं पर फब्तियां कसते थे और असभ्य टिप्पणियां करते थे। महिलाओं ने जब इसका विरोध किया तो विवाद बढ़ गया और देखते-देखते दोनों पक्षों के बीच गाली-गलौज और मारपीट की नौबत तक आ गई। घटना की सूचना मिलते ही तल्हेड़ी बुजुर्ग चौकी प्रभारी सुधीर राजौरा अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को मौके से ही हिरासत में ले लिया। पुलिस ने बिना देर किए दोनों युवकों के खिलाफ सम्बंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया और उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। यह कार्रवाई इस बात का प्रमाण है कि पुलिस महिलाओं की सुरक्षा के मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही या देरी नहीं कर रही है और मिशन शक्ति की भावना को जमीनी स्तर पर लागू कर रही है।
इस घटना के बाद देवबंद के कोतवाल नरेंद्र शर्मा ने स्पष्ट संदेश दिया कि महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले किसी भी व्यक्ति को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की पहल पर चल रहे मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस की विशेष टीमें लगातार सक्रिय हैं। कोतवाल ने बताया कि तल्हेड़ी सहित ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर लगाम कसने के लिए पांच सदस्यीय विशेष निगरानी दल गठित किया गया है, जो गांवों में जाकर न केवल असामाजिक तत्वों पर नजर रख रहा है बल्कि महिलाओं को भी उनके अधिकारों और सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं समाज के लिए कलंक हैं और पुलिस का मकसद है कि ऐसे तत्वों को कानून के शिकंजे में लाकर महिलाओं को निडर वातावरण प्रदान किया जाए।
स्थानीय लोगों ने पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि इससे महिलाओं के मन में विश्वास जगा है कि वे सुरक्षित हैं और यदि कोई उनके साथ छेड़छाड़ या अभद्रता करता है तो कानून तुरंत मदद के लिए खड़ा होगा। ग्रामीण महिलाओं ने भी कहा कि अक्सर गांवों में इस प्रकार की घटनाओं को लोग नजरअंदाज कर देते हैं जिससे असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद हो जाते हैं, लेकिन तल्हेड़ी में हुई इस सख्त कार्रवाई ने सभी को यह संदेश दे दिया है कि महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार का अपराध बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस घटना ने मिशन शक्ति अभियान की उपयोगिता को भी साबित किया है। प्रदेश सरकार ने इस योजना की शुरुआत महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए की थी। पुलिस विभाग ने इसके लिए अलग-अलग स्तरों पर टीमें बनाई हैं और नियमित गश्त के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी सतर्कता बढ़ाई है। सहारनपुर में भी पुलिस द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान ने महिलाओं को आवाज उठाने और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने का साहस दिया है।
गौरतलब है कि बीते कुछ वर्षों में ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के साथ छेड़छाड़, फब्तियां कसने और दुष्कर्म जैसे अपराधों के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई थी, जिससे महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे थे। प्रदेश सरकार ने मिशन शक्ति के तहत यह संकल्प लिया कि महिलाओं की सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इस दिशा में तल्हेड़ी की यह घटना एक सकारात्मक उदाहरण पेश करती है।
कोतवाल नरेंद्र शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पुलिस की प्राथमिकता समाज में कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाए रखना और महिलाओं को भयमुक्त वातावरण देना है। उन्होंने लोगों से भी अपील की कि वे इस तरह की घटनाओं के खिलाफ खुलकर शिकायत करें और अपराधियों को छिपाने या उनका समर्थन करने से बचें। पुलिस की सक्रियता तभी कारगर हो सकती है जब समाज भी महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए आगे आए।
तल्हेड़ी की घटना यह साबित करती है कि अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी महिलाओं पर अत्याचार या अभद्रता करने वालों के खिलाफ कानून सख्त रुख अपनाने से पीछे नहीं हटेगा। स्थानीय प्रशासन और पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने न केवल दो आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया बल्कि अन्य असामाजिक तत्वों के लिए भी यह संदेश दिया कि कानून का शिकंजा किसी भी वक्त कस सकता है।
इस तरह सहारनपुर पुलिस ने एक बार फिर यह दर्शा दिया है कि मिशन शक्ति सिर्फ कागजी घोषणा नहीं है, बल्कि जमीन पर महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान की गारंटी देने वाली एक ठोस पहल है। तल्हेड़ी की इस घटना ने साबित कर दिया है कि यदि शिकायत दर्ज कराई जाए और पुलिस सक्रियता दिखाए, तो किसी भी महिला के सम्मान के साथ खिलवाड़ करने वालों को कानून से बचना नामुमकिन है।