
बिहार का विशेष राज्य दर्जा के लिए कांग्रेस सदन से सड़क तक लड़ेगी ललन कुमार
आराः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सत्ता के लालच में प्रदेश के विशेष राज्य के दर्जे से किनारा कर लिया है। कांग्रेस इसके लिए सड़क से सदन तक लड़ाई लड़कर अंजाम तक पहुंचाएगी। ये बातें युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता ललन कुमार ने में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही। बिहार में गिरती विधि व्यवस्था पर श्री कुमार ने चिंता व्यक्त की है। बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर विपक्ष लगातार बिहार सरकार पर हमलावर है। तमाम विपक्ष के नेता प्रदेश की डबल इंजन सरकार को घेर रहे हैं। इसी कड़ी में भाजपा नेता की हत्या को लेकर भी ललन कुमार ने बिहार सरकार पर हमला बोला है। साथ ही उन्होंने कहा है कि बिहार में लगातार हो रहे हत्याओं के बावजूद कोई इसे जंगलराज नहीं कहेगा। क्योंकि BJP शासन में है।
श्री ललन ने कहा कि ने कहा कि 2005 में पहली बार मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार ने लगातार कई चुनावों और विधानमंडल में अपने दल और नेताओं के साथ बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाते रहें हैं। हाल में संसद में बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग दोहराई। जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार हमेशा से सुखाड़ और बाढ़ की समस्या से ग्रसित है वहीं दूसरा स्वास्थ्य, शिक्षा सभी विकास के सभी पैमानों में अंतिम पायदान या अंतिम पायदान से ऊपर रहती है। इसपर मैंने सरकार से मांग रखी थी कि पिछड़ेपन का जो मानक बनाया गया है उसे बदला जाएं क्योंकि मानक सरकार ही बनाती है कोई यह प्राकृतिक या ईश्वर प्रदत्त नियम तो है नहीं। इसलिए इंडिया ब्लॉक के सभी साथियों ने दिल्ली में संसद में सदन में जाने से पूर्व इसपर विरोध दर्ज कराया था। साथ ही उन्होंने बिहार के इस हक हुकूक की लड़ाई में जनता के साथ मीडिया के भी योगदान और सहयोग की अपेक्षा की गई। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्रियों की बैठक में सरदार बल्लभ भाई पटेल ने बिहार को सबसे अच्छा प्रशासित राज्य का दर्जा दिया था। बिहार का झारखंड से बंटवारे के बाद सारे खनिज अयस्क झारखंड चले गए। तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने बिहार को 1 लाख 80 हजार करोड़ के पैकेज की बात कही थी लेकिन उन्होंने भी इसको ठंडे बस्ते में डाल दिया। उन्होंने बिहार के औद्योगिक विकास, रेल कारखाने को लेकर कांग्रेस के द्वारा किए गए कार्यों पर बताया कि इस राज्य के विकास में सबसे ज्यादा योगदान दिया। कांग्रेस इस मुद्दे को जनता के हित में उठा रही है और यह मांग लगातार केंद्र द्वारा अनसुनी की जा रही है। पटना पूर्णिया एक्सप्रेस वे, पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने और गया डोभी में पहले औद्योगिक पार्क कोलकाता अमृतसर कोरिडोर का निर्माण कार्य. महाबोधी कोरिडोर निर्माण कार्य 2023 में ही शुरू करा देने का घोषणा हो चुकी है। लेकिन महीनों बीत जाने के बाद इस पर कुछ काम नहीं हुआ। हमने तो देवघर को लेकर द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक बाबा धाम का विकास करने के लिए भी मांग की है। स्किल यूनिवर्सिटी बनाने की बात कहने वाले फंड की घोषणा करके राज्य को ठेंगा दिखा जाते हैं। केंद्र की मोदी सरकार को यह बताना चाहिए कि आखिर राज्य के विकास में उनका क्या योगदान रहा है। पिछले दस वर्षों में आखिर उन्होंने कितनी धनराशि बिहार के विकास में दी है यदि उसका अन्य राज्यों की तुलना में प्रतिशत निकाल लिया जाएं तो राज्य को सबसे कम आर्थिक सहायता प्रदान की गई। प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए कांग्रेस इस लड़ाई को लड़ेगी और अंजाम तक पहुंचाने को चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेगी।

