

डीडवाना-कुचामन भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के द्वितीय चरण का शुभारंभ 12 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में किया गया है। इसमें राजस्थान भी शामिल है। इस संदर्भ में गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ महेंद्र खड़गावत की अध्यक्षता में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित हुई।
बैठक में डॉ खड़गावत ने बताया कि विशेष गहन पुनरीक्षण का उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन, शुद्ध एवं त्रुटिरहित बनाना है। इससे कोई भी पात्र नागरिक छूटे नहीं और कोई भी अपात्र व्यक्ति सूची में शामिल नहीं रहे। भारत के संविधान द्वारा मतदाता के लिए पात्रता निर्धारित की गई है। इसके अनुसार व्यक्ति भारत का नागरिक होना चाहिए। वह 18 वर्ष से अधिक आयु का हो। निर्वाचन क्षेत्र का सामान्य निवासी हो। वह व्यक्ति किसी कानून के तहत अयोग्य घोषित नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मतदाता सूची के इस पुनरीक्षण में 2002 की मतदाता सूचियों के आधार पर निर्वाचक मैपिंग की जा रही है। इसके तहत राज्य में अब तक लगभग 70.55 प्रतिशत की भौतिक मैपिंग पूर्ण हो चुकी है। बीएलओ ऎप के माध्यम से 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 80.24 प्रतिशत एवं 40 वर्ष से कम आयु वर्ग के 27.30 प्रतिशत निर्वाचकों की मैपिंग की गई है। जबकि ईसीआईनेट पर मतदाताओं की कुल मैपिंग 52.47 प्रतिशत दर्ज की गई है। इसी अनुपात में जिले में भी कार्य हुआ है।
बैठक में बताया गया कि विशेष गहन पुनरीक्षण के अंतर्गत निर्वाचन विभाग द्वारा प्रत्येक मतदाता के लिए परिगणना प्रपत्र (ईएफ) तैयार किए जा रहे है। इनमें मतदाता के वर्तमान मतदाता सूची में दर्शाए गए आवश्यक विवरण शामिल होंगे। इसमें मतदाता का नाम, पता, विधानसभा क्षेत्र, भाग संख्या आदि पूर्व मुद्रित रहेगा। बीएलओ प्रत्येक मतदाता को परिगणना प्रपत्र वितरित करेंगे। बीएलओ 2002 की मतदाता सूची के अनुसार मतदाता को अपने नाम अथवा अपने रिश्तेदार के नाम के साथ मिलान एवं लिंक करने में सहयोग करेंगे। परिगणना प्रपत्र में मतदाता की पुरानी फोटो पूर्व मुद्रित रहेगी। इसमें मतदाता को अपनी नवीनतम रंगीन फोटो परिगणना प्रपत्र पर चिपकानी होगी।
उन्होंने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट https://election.rajasthan.gov.in के सिटिजन सेन्टर कॉर्नर से मतदाता सूचियों देखी जा सकती है। पूर्व में की गई एसआईआर के सम्पूर्ण भारतवर्ष के डाटा वेबसाइट https://voters.eci.gov.in पर उपलब्ध कराए गए है। यहां मतदाता 2002 की राजस्थान की मतदाता सूची एवं अन्य राज्यों की सूचियाँ भी देख सकते हैं। बीएलओ भरे हुए परिगणना प्रपत्र मतदाताओं से प्राप्त कर सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी (एईआरओ) को जमा कराएंगे। बीएलओ प्रत्येक मतदाता के घर कम से कम तीन बार जाएंगे तथा उन्हें परिगणना प्रपत्र भरने में सहायता करेंगे। इसे मतदाता अपने स्तर पर ऑनलाईन भी कर सकते है।
उन्होंने बताया कि राज्य निर्वाचन विभाग के अनुसार वर्तमान में कोई भी दस्तावेज मांगे जाने की आवश्यकता परिगणना चरण के दौरान नहीं होगी। परिगणना प्रपत्र जमा कराने वाले समस्त मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट रोल में शामिल होंगे। गणना पूर्ण होने के पश्चात विगत एसआईआर से मिलान या लिंकिंग नहीं होने वाले मतदाताओं को ईआरओ एवं एईआरओ द्वारा नोटिस जारी किया जाकर पात्रता की जांच की जाएगी। इसी के आधार पर पात्र नागरिकों के नाम अंतिम मतदाता सूची में सम्मिलित किए जाएंगे। साथ ही अपात्र पाए गए व्यक्तियों के नाम हटाए जाएंगे। सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी के निर्णय से असंतुष्ट होने पर मतदाता निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी (जिला मजिस्ट्रेट) के पास अपील कर सकते हैं। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी के निर्णय के विरूद्ध अपील की सुनवाई मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष की जा सकती है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण में राजनीतिक दलों एवं उनके प्रतिनिधियों की विशेष भूमिका है। सभी राजनीतिक दलों को अपने बूथ लेवल एजेंट शीघ्र नियुक्त करना चाहिए। इन्हें आवश्यकता अनुसार प्रशिक्षित भी किया जाएगा। बीएलए मतदाताओं तक विशेष गहन पुनरीक्षण की जानकारी पहुँचाने, जन जागरूकता करने एवं मतदाताओं को फॉर्म भरने में सहयोग देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। बीएलए प्रतिदिन 50 परिगणना प्रपत्र प्रमाणित कर बीएलओ को जमा करवा सकते है।
उन्होंने बताया कि ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन 9 दिसम्बर 2025 को किया जाएगा। ड्राफ्ट सूची में शामिल नहीं किए गए अनुपस्थित, स्थानान्तरित, मृत एवं डुप्लिकेट नामों की सूची निर्वाचन विभाग की वेबसाइट पर जारी की जाएगी। इसके बाद नागरिक अपने नाम जुड़वाने या आपत्ति दर्ज कराने के लिए आवेदन कर सकेंगे। वर्ष 2002 की मतदाता सूची से मिलान एवं लिंक से वंचित मतदाताओं को नोटिस जारी किए जाएंगे। निर्वाचक के रूप में उनकी पात्रता सुनिश्चित करने के लिए सांकेतिक दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा। अंतिम एसआईआर से पहले उनके पूर्व निवास का पता लगाने के लिए सुनवाई होगी। ईआरओ एवं एईआरओ द्वारा दावों एवं आपत्तियों को प्राप्त कर उन पर निर्णय लिया जाएगा। कोई भी मतदाता अथवा बीएलए दावा एवं आपत्ति दर्ज कर सकता है। दावे और आपत्तियों के निस्तारण की प्रक्रिया के उपरांत 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।
डॉ.खड़गावत ने बताया कि जिले में शहरी एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में मतदाताओं की सहायता के लिए हेल्पडेस्क स्थापित किए जाएंगे। साथ ही विशेष रूप से वृद्ध, दिव्यांग, बीमार एवं वंचित वर्गों की सहायता के लिए वॉलिन्टियर्स नियुक्त किए जा रहे हैं। ये मतदाताओं को गणना प्रपत्र भरने में सहयोग करेंगे।
इस दौरान बैठक में उपस्थित विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को एसआईआर प्रक्रिया के प्रत्येक चरण की विस्तृत जानकारी दी गई। जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ.खड़गावत ने कहा कि यह विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पवित्रता बनाए रखने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल है। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे गणना प्रपत्र अवश्य भरें और मतदाता सूची में अपनी जानकारी की पुष्टि करें ताकि भविष्य के चुनाव में उनका मताधिकार सुरक्षित रहे।
इस अवसर पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मोहन लाल खटनावलिया,भारतीय जनता पार्टी की जिला अध्यक्ष श्रीमती सुनीता माहेश्वरी,भाजपा डीडवाना विधानसभा प्रत्याशी श्री जितेंद्र सिंह जोधा,जिला कांग्रेस के महासचिव श्री बिरदाराम नायक, कांग्रेस अध्यक्ष मकराना श्री दिलीप सिंह चौहान, बहुजन समाज पार्टी के जिला अध्यक्ष श्री रामेश्वर लाल, डीडवाना कांग्रेस सेवा दल जिला अध्यक्ष श्री गणेश चौधरी,सीपीआईएम के जिला सचिव श्री मोती लाल शर्मा,खेजड़ी संस्थान के सुरेंद्र प्रताप सिंह एवं यूथ कांग्रेस डीडवाना के श्री लोकेश चोयल उपस्थित रहे।







