
*”शिव- शुभ एवं कल्याण करने वाले महादेव:-सुश्री भावना मार्कण्डेय”*
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बांगरदा में संगीतमय भागवत कथा में कथा वाचक भावना मार्कण्डेय ने पांचवे दिन कहा
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बांगरदा ( खरगोन )- भगवान शिव के शीश पर विराजित चन्द्रमा शीतलता, मस्तिष्क पर विराजित माँ गंगा लोक कल्याण,गले पर विराजित नाग देवता पृथ्वी तत्व, त्रिशूल भक्ति – ज्ञान-कर्म कि तीन धाराओं एवं तीसरा नेत्र दिव्य दृष्टि का प्रतिक हैं | शिव कि साधना -उपासना से भक्तों का शुभ एवं कल्याण होता हैं।महाशिवरात्रि का पर्व शिव एवं शक्ति को अंत:करण में प्रतिष्ठित करने कि प्रेरणा प्रदान करता हैं।
उक्त विचार श्री रेवा गुर्जर मांगलिक भवन बांगरदा में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के पंचम दिवस पर महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर कथा वाचक सुश्री भावना मार्कण्डेय ने व्यक्त किये | उनोन्हे भगवान शिव के जीवन दर्शन पर प्रकाश डालते हुवे कहा कि शिवजी ने अपनी बारात में भुत – प्रेतों को संगी – साथी बनाकर सामाजिक समरसता का सन्देश दिया हैं | समुन्द्र मंथन के समय विष को धारण करके समाज में पीड़ा – पतन एवं पराभव का जीवन जी रहें मनुष्यों के उद्धार के लिए अनेक कष्ट – कठिनाइयों को सहते हुवे मानव कल्याण को अपने जीवन का लक्ष्य बनाने का शिक्षण प्रदान किया हैं। महाशिवरात्रि पर्व शिव एवं शक्ति के मिलन का पर्व हैं जो अर्धनटेश्वर भगवान के रूप में हैं | शिवलिंग विश्व पिंड का स्वरुप हैं, जो सृजनशिलता, धर्म रक्षा एवं परमार्थ परायणता का दिशा दर्शन प्रदान करते हैं | भक्ति से प्राप्त शक्ति तभी फलिभुत होती हैं जब उसका नियोजन समाज सेवा में होता हैं |
कथा के शुभारम्भ अवसर पर नानकराम पटल्या एवं रामकुवर पटल्या द्वारा जोड़े से श्रीमद भागवत पुराण का पूजन किया गया तत्पश्चात महिला मंडल द्वारा सभी के सुख सौभाग्य कि प्रार्थना के साथ शिव अभिषेक करते हुवे दीप प्रज्जवलित किये गए | संगीत टोली द्वारा भक्ति भाव से परिपूर्ण भजन प्रस्तुत किये गए | अंत में आभार शुभम पटेल ने व्यक्त किया |
:- रामेश्वर फूलकर पत्रकार बांगरदा

