मध्यप्रदेशसतना

।। मध्य प्रदेश के सतना जिले से ड्रग तस्करी का एक नया चैप्टर खुला है, जो सीधे राज्य सरकार की राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी के परिवार को घेर रहा।।

।‌। 3 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की पुलिस ने प्रतिमा बागरी के बहनोई शैलेंद्र सिंह उर्फ 'सिम्मू' (उम्र 35) को 10.4 किलो गांजे, एक तमंचा, कार और बाइक के साथ धर दबोचा था।।

अजीत मिश्रा (खोजी)

।। गांजा तस्करी में मंत्री का भाई गिरफ्तार, राजनीतिक घमासान तेज।।

08 दिसंबर 25, मध्यप्रदेश।

सतना ।।  मध्य प्रदेश के सतना जिले से ड्रग तस्करी का एक नया चैप्टर खुला है, जो सीधे राज्य सरकार की राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी के परिवार को घेर रहा है। रामपुर बाघेलान थाना पुलिस ने मंत्री के सगे भाई अनिल बागरी (उम्र 38) और उसके साथी पंकज सिंह (उम्र 32) को एक संदिग्ध कार में घेराबंदी कर पकड़ लिया। गाड़ी की तलाशी में 46 किलोग्राम गांजा जब्त हुआ, जिसकी कीमत बाजार में लाखों रुपए बताई जा रही है। दोनों को कोर्ट में पेश कर सेंट्रल जेल रीवा भेज दिया गया।

पुलिस को गुप्त टिप मिली थी कि अनिल बागरी महाराष्ट्र नंबर वाली कार (MH 49 BB 9699) से सतना के जंगलों के रास्ते नशीले पदार्थ की खेप लाया जा रहा है. नाकाबंदी के दौरान वाहन को रोका गया तो ड्राइवर पंकज सिंह घबरा गया। तलाशी में कार के डिक्की और सीटों के नीचे छिपाकर रखे गए प्लास्टिक पैकेटों से भारी मात्रा में हरा-भरा गांजा बरामद हो गया। पूछताछ में अनिल ने कबूल किया कि यह खेप बांदा (यूपी) से आ रही थी, लेकिन नेटवर्क का पूरा राज खोलने से इनकार कर दिया।

यह गिरफ्तारी मंत्री परिवार के लिए दूसरा बड़ा झटका है। महज चार-पांच दिन पहले ही, 3 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की पुलिस ने प्रतिमा बागरी के बहनोई शैलेंद्र सिंह उर्फ ‘सिम्मू’ (उम्र 35) को 10.4 किलो गांजे, एक तमंचा, कार और बाइक के साथ धर दबोचा था। शैलेंद्र फिलहाल बांदा जेल में बंद है और सतना पुलिस ने उसे भी इस नए मामले में सह-आरोपी बना लिया है। सूत्रों के मुताबिक, दोनों मामलों के बीच एक अंतरराज्यीय ड्रग सिंडिकेट का लिंक मिला है, जिसमें कॉल रिकॉर्ड, बैंक ट्रांजेक्शन और पुराने केसों की पड़ताल से बड़े नाम उजागर हो सकते हैं।

इन घटनाक्रमों ने राजनीतिक गलियारों में भूचाल ला दिया। विपक्षी दलों के नेताओं ने इसे “सत्ता के संरक्षण में ड्रग माफिया” का सबूत बताते हुए सरकार पर हमला बोला। पूर्व विधायक और कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “एक ही परिवार से दो सदस्यों की लगातार गिरफ्तारी संयोग नहीं, बल्कि संगठित अपराध का प्रमाण है। क्या मंत्री जी को इसकी जानकारी नहीं थी?” बीजेपी के अंदर भी असहजता है, हालांकि पार्टी ने इसे “व्यक्तिगत मामला” बताकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की।

सतना एसपी ने बताया कि जांच में अब फरार सदस्यों की तलाश तेज कर दी गई है। एनडीपीएस एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई होगी और पूरे नेटवर्क को जड़ से उखाड़ा जाएगा। लेकिन सवाल वाजिब है – क्या यह सिर्फ पारिवारिक लापरवाही है या सियासी छत्रछाया का खेल? फिलहाल, मध्य प्रदेश सरकार की छवि पर दाग लग चुका है।

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