
बलौदाबाजार।
नगर में लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाओं ने आमजन को असुरक्षा के घेरे में डाल दिया है। जनता के बीच चर्चा का विषय है कि यदि कोई पीड़ित अपराध की रिपोर्ट दर्ज कराने जाता है तो थाने में अपराधियों की भांति उससे सवाल-जवाब किए जाते हैं और बार-बार चक्कर कटवाए जाते हैं। इसके बावजूद भी कई गंभीर अपराधों की रिपोर्ट अब तक कोतवाली थाने में दर्ज नहीं की गई है, ऐसे आरोप लगातार लग रहे हैं।
बीते दिनों घर, दुकान और मोटर साइकिल चोरी की कई घटनाएं घटित हुईं। लोहियानगर बलौदाबाजार के निवासी एहसान खान ने 10 जुलाई 2025 को सिटी कोतवाली में घर से सोने का लॉकेट और 55-60 हजार रुपए नगद की चोरी की सूचना दी थी। वहीं हीरा किचन बलौदाबाजार के अविनाश पंजवानी ने 2 जुलाई और 31 जुलाई 2025 को दो बार गोदाम का ताला तोड़कर चोरी होने की शिकायत दर्ज करवाई। लेकिन सूत्रों के अनुसार इनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई।
इसी तरह कई पीड़ितों को रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाने में पसीने छूट रहे हैं। कई लोगों ने बताया कि मजबूर होकर उन्होंने न्याय की आस में जिला पुलिस अधीक्षक बलौदाबाजार को शिकायतें सौंपीं, लेकिन अब तक किसी ठोस कार्यवाही की प्रतीक्षा कर रहे हैं। वहीं कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि उच्च अधिकारी को आवेदन देने पर उन्हें थाने में खरी-खोटी सुनाई गई।
बढ़ती मोटरसाइकिल चोरी और पुलिस का रवैया
शहर में मोटरसाइकिल चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। सूत्र बताते हैं कि कई चोरियों की रिपोर्ट दर्ज ही नहीं की जा रही। जब पुलिस अपराध पंजीबद्ध करने में हीला-हवाला करती है, तो चोरों के हौसले बुलंद होना स्वाभाविक है। मोबाइल और अन्य चोरी के मामलों में भी कई बार टेबल पर ही निपटारा करने जैसी बातें सामने आ रही हैं।
आगजनी प्रकरण और तबादले का मुद्दा
10 जून 2024 को हुई सबसे बड़ी आगजनी की घटना के बाद शासन-प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग सभी अधिकारियों को तबादला या निलंबन की सजा दी थी। लेकिन उसी समय एक थानेदार को छोड़ दिया गया, जो आज भी चर्चाओं में है। जनता के बीच यह आशंका है कि यदि इस तरह तानाशाही और मनमानी जारी रही तो अपराध रोकने की गंभीर कोशिशों पर सवालिया निशान लगे रहेंगे।
धोखाधड़ी के मामलों का भी समाधान नहीं
राजकुमार वालेचा, संचालक वालेचा मार्केटिंग, ने बताया कि उनके साथ भी गंभीर धोखाधड़ी हुई।
नीर किंगरानी धोखाधड़ी से मोबाइल लेकर गए थे लेकिन 6 महीने होने को है आज तक कोई समाधान नहीं हुआ।
वहीं देवनाथ वर्मा संचालक नमन फाउंडेशन भाटापारा द्वारा की गई धोखाधड़ी का भी अब तक निराकरण नहीं हुआ है।
पीड़ितों का कहना है कि यदि पुलिस समय पर कार्रवाई करे और अपराध पंजीबद्ध करे, तो इस तरह की घटनाओं पर लगाम लग सकती है। फिलहाल, नगरवासी असुरक्षा की स्थिति से जूझ रहे हैं और पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं।