
सहारनपुर से बड़ी खबर: फवारा चौक स्थित ऐतिहासिक जामा मस्जिद पर जुमे की नमाज के दौरान भारी भीड़ के बीच सहारनपुर पुलिस की अभूतपूर्व मुस्तैदी, एसएसपी-डीआईजी की अगुवाई में शांति और सौहार्द का ऐतिहासिक उदाहरण
सहारनपुर शहर में शुक्रवार का दिन हमेशा से ही सुरक्षा और सतर्कता की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, विशेषकर जुमे की नमाज के अवसर पर। इस बार फवारा चौक स्थित ऐतिहासिक जामा मस्जिद पर हजारों की संख्या में नमाजियों का जमावड़ा हुआ, लेकिन प्रशासनिक तैयारी और पुलिस की मुस्तैदी ने इस बड़े आयोजन को शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण तरीके से सम्पन्न कराया। सहारनपुर पुलिस प्रशासन की सतर्क निगरानी और मजबूत सुरक्षा तंत्र के कारण इस ऐतिहासिक स्थल पर धार्मिक कार्यक्रम बिना किसी बाधा के संपन्न हुआ, जिसने न केवल शहर बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक आदर्श प्रस्तुत किया।
सुबह से ही फवारा चौक और इसके आसपास के क्षेत्रों में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी। शहर के संवेदनशील इलाके माने जाने वाले इस क्षेत्र में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं डीआईजी महोदय स्वयं मौके पर पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाली। उनके नेतृत्व में नगर कोतवाली पुलिस, आरएएफ, पीएसी और अन्य सुरक्षा बलों के जवानों ने पूरी तैयारी के साथ ड्यूटी संभाली। नमाज से पहले ही फवारा चौक, जामा मस्जिद और आसपास की गलियों में फ्लैग मार्च किया गया ताकि लोगों में यह संदेश जाए कि प्रशासन हर स्तर पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्पर है।
नमाज के दौरान जामा मस्जिद परिसर और उसके आसपास सुरक्षा बलों की विशेष तैनाती की गई थी। पुलिस अधिकारियों और जवानों ने संवेदनशील स्थलों पर बैरिकेडिंग कर लोगों के आवागमन को नियंत्रित किया। सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन की मदद से भीड़ की हर गतिविधि पर लगातार नजर रखी जा रही थी। पुलिस के जवान रणनीतिक बिंदुओं पर तैनात रहे ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। प्रशासन की इस सतर्कता का असर यह रहा कि भारी भीड़ के बावजूद माहौल पूरी तरह शांतिपूर्ण और अनुशासित रहा।
एसएसपी और डीआईजी ने खुद भीड़-भाड़ वाले इलाकों का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और पुलिसकर्मियों को निर्देश दिए कि किसी भी छोटी घटना को भी गंभीरता से लें। उन्होंने स्थानीय लोगों और धार्मिक नेताओं से भी बातचीत कर उन्हें भरोसा दिलाया कि पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस संवाद ने नमाजियों में विश्वास पैदा किया और वे बिना किसी भय या असुविधा के नमाज अदा कर सके।
नगर कोतवाली पुलिस ने भी मौके पर विशेष जिम्मेदारी निभाई। अधिकारियों और जवानों ने नमाज के दौरान भीड़ के आवागमन को नियंत्रित करने के लिए निर्धारित मार्ग बनाए और यातायात व्यवस्था को भी सुचारू रखा। भीड़ की वजह से आसपास के इलाकों में यातायात पर दबाव बढ़ने की संभावना थी, लेकिन पुलिस ने पहले से तैयार वैकल्पिक मार्गों के जरिए ट्रैफिक को मोड़कर किसी तरह की जाम की स्थिति नहीं बनने दी।
सुरक्षा व्यवस्था की एक और खासियत यह रही कि महिला नमाजियों के लिए अलग से सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती कर प्रशासन ने यह संदेश दिया कि वह हर वर्ग की सुरक्षा को समान महत्व देता है।
जुमे की नमाज के दौरान प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि किसी भी तरह की अफवाह या गलत जानकारी फैलने न पाए। इसके लिए साइबर सेल को भी अलर्ट मोड पर रखा गया था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नजर रखी गई और किसी भी भ्रामक पोस्ट पर तुरंत कार्रवाई की गई। इसके साथ ही, पुलिस ने आस-पास के क्षेत्रों में भी लगातार गश्त की ताकि कोई असामाजिक तत्व माहौल खराब करने की कोशिश न कर सके।
इस पूरी प्रक्रिया के दौरान शहरवासियों का सहयोग भी प्रशासन को मिला। स्थानीय लोग सुरक्षा व्यवस्था में सहयोग करते दिखे और प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए अनुशासन बनाए रखा। धार्मिक नेताओं ने भी नमाजियों से अपील की कि वे शांति और भाईचारे का संदेश दें, जिससे आयोजन बिना किसी विघ्न के सम्पन्न हो सके।
जुमे की नमाज शांतिपूर्वक सम्पन्न होने के बाद प्रशासन ने इसे सफल आयोजन के रूप में देखा। स्थानीय निवासियों और व्यापारियों ने भी पुलिस की तत्परता और मुस्तैदी की सराहना की। कई लोगों ने कहा कि पुलिस की वजह से वे निश्चिंत होकर धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हो सके और उन्हें किसी भी प्रकार की असुरक्षा महसूस नहीं हुई।
सहारनपुर पुलिस की यह मुस्तैद कार्रवाई न केवल कानून-व्यवस्था को बनाए रखने का उदाहरण बनी बल्कि साम्प्रदायिक सौहार्द और सामाजिक एकता को भी मजबूत करने का प्रतीक साबित हुई। जुमे की नमाज के दौरान जहां हजारों लोग एक साथ मौजूद थे, वहीं प्रशासन की सक्रियता ने यह सुनिश्चित किया कि हर कोई शांति, अनुशासन और धार्मिक श्रद्धा के साथ अपनी आस्था व्यक्त कर सके।
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया कि जब प्रशासन और समाज एक साथ मिलकर काम करते हैं, तो किसी भी चुनौती का सामना आसानी से किया जा सकता है। सहारनपुर पुलिस और प्रशासन ने इस आयोजन के जरिए यह दिखा दिया कि आधुनिक तकनीक, रणनीतिक योजना और जनता के सहयोग से बड़े से बड़े आयोजन को भी शांतिपूर्वक और सफलतापूर्वक सम्पन्न किया जा सकता है।
फवारा चौक की जामा मस्जिद पर जुमे की नमाज के इस अवसर पर सुरक्षा की जो मिसाल पेश की गई, उसने सहारनपुर शहर को गर्व करने का अवसर दिया और आने वाले समय के लिए भी एक मजबूत संदेश दिया कि सहारनपुर न केवल अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं के लिए जाना जाता है बल्कि प्रशासनिक दक्षता और सामाजिक सौहार्द के लिए भी उदाहरण पेश करता है।
✍️ रिपोर्ट : एलिक सिंह
संपादक – समृद्ध भारत समाचार पत्र
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