
धमतरी/नगरी/ थाना सिहावा नशा मुक्त समाज की दिशा में एक सराहनीय पहल करते हुए ग्राम उमरगांव के ग्रामीणों एवं महिलाओं ने अवैध शराब बनाने वालों के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया। इस दौरान ग्रामीणों ने शराब बनाने वालों के घरों में जाकर वहां रखे गए महुआ लहान (शराब बनाने की सामग्री) को बाहर निकालकर नष्ट किया।
इस अभियान में विशेष रूप से गांव की महिलाओं की सक्रिय भूमिका देखने को मिली, जिन्होंने नशाखोरी से होने वाले सामाजिक और पारिवारिक नुकसान के खिलाफ खुलकर आवाज बुलंद की। यह कार्रवाई पूरी तरह शांतिपूर्ण और अनुशासित तरीके से की गई।
पूर्व के बैठक में लिया गया था नशा बंद करने का संकल्प
गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व ग्राम उमरगांव में ग्रामीणों की एक अहम बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया था कि गांव में शराब और गांजा की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। बैठक में यह भी तय किया गया कि नशाखोरी को बढ़ावा देने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सामूहिक रूप से कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों का मानना है कि नशे के कारण युवा वर्ग गलत दिशा में जा रहा है, जिससे न केवल परिवार बल्कि पूरे समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
अन्य गांवों के लिए प्रेरणादायक पहल
उमरगांव के ग्रामीणों द्वारा चलाया गया यह नशा मुक्त अभियान आसपास के गांवों के लिए एक प्रेरणास्रोत बन रहा है। जिस प्रकार गांव के लोग एकजुट होकर सामाजिक बुराइयों के खिलाफ खड़े हुए हैं, वह दर्शाता है कि यदि जनभागीदारी हो तो किसी भी समस्या का समाधान संभव है।
छत्तीसगढ़ के विकास में सहायक होगा नशा मुक्त समाज
वीर शहीदों की भूमि में एक बार फिर से नशे के खिलाफ आंदोलन एकजुटता का परिचय देते हुए आवाज बुलंद की,ग्रामीणों का कहना है कि नशा शराब का हो या गांजा,अफीम, हेरोइन, की, सभी मादक पदार्थों की विक्रय पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने का दृढ़ संकल्प लेकर ही नशा मुक्त समाज की परिकल्पना की जा सकती है,यदि इसी तरह हर गांव में लोग जागरूक होकर नशाखोरी को बंद करवाएं, तो निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ के विकास को नई दिशा मिलेगी। नशे की गिरफ्त में फंसे युवा वर्ग को इससे बाहर निकालकर उन्हें शिक्षा, रोजगार और सकारात्मक गतिविधियों की ओर मोड़ा जा सकता है।






