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BJP के गढ़ में पार्टी के अंदर असंतोष से बड़ी चुनौती; नागपुर में 40 पदाधिकारियों ने इस्तीफा दिया, कई बगावत की राह पर

समीर वानखेड़े ब्यूरो चीफ:
BJP के गढ़ नागपुर (Nagpur Election 2026) में BJP के सामने नाराज़ लोगों से बड़ी चुनौती की तस्वीर सामने आ रही है। नागपुर में 40 से ज़्यादा पदाधिकारियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है और पार्टी को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है। कई ने पार्टी के ऑफिशियल कैंडिडेट के ख़िलाफ़ इंडिपेंडेंट उम्मीदवार के तौर पर खड़े होकर बगावत भी कर दी है। क्या BJP पार्टी लीडरशिप कार्यकर्ताओं की नाराज़गी दूर करने में कामयाब होगी? अब यह देखना ज़रूरी होगा कि इन नाराज़ ड्रामों का वोटिंग पर कोई असर पड़ता है या नहीं।
नागपुर में वार्ड 14 से नॉमिनेशन न मिलने के बाद, छह बार के कॉर्पोरेटर सुनील अग्रवाल ने वार्ड 14 से इंडिपेंडेंट नॉमिनेशन फाइल किया है। सुनील अग्रवाल को नॉमिनेशन न मिलने की वजह से वार्ड 14 के करीब 40 BJP ऑफिस बेयरर्स ने इस्तीफा दे दिया है। साथ ही, वार्ड 16 के ऑफिस बेयरर गजानन निशितकर ने वार्ड में बाहरी कैंडिडेट दिए जाने के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। दूसरी ओर, पूर्व मेयर अर्चना देहानकर के पति विनायक देहानकर ने भी इस्तीफा दे दिया है। पूर्व BJP कॉर्पोरेटर हरीश दिकोंडवार ने वार्ड 27 से इंडिपेंडेंट नॉमिनेशन फाइल किया है, जबकि गोलू बोरकर ने वार्ड 33 से इंडिपेंडेंट नॉमिनेशन फाइल किया है। इसलिए, अब BJP पार्टी लीडरशिप के सामने एक बड़ी चुनौती है।
नागपुर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में छह टर्म तक कॉर्पोरेटर रहे BJP नेता सुनील अग्रवाल ने पार्टी से रिजेक्ट होने के बाद अब वार्ड 14 से इंडिपेंडेंट के तौर पर अपना नॉमिनेशन फाइल किया है। सुनील अग्रवाल छह टर्म तक नागपुर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के कॉर्पोरेटर रहे हैं। उन्होंने तीन टर्म इंडिपेंडेंट और तीन टर्म BJP से कॉर्पोरेटर के तौर पर काम किया है। हालांकि, इस साल पार्टी ने उन्हें वार्ड 14 से मैदान में नहीं उतारा और उनकी जगह BJP की महिला कॉर्पोरेटर प्रगति पाटिल को दे दिया। इससे परेशान होकर सुनील अग्रवाल ने पार्टी से बगावत करके इंडिपेंडेंट के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
नागपुर शहर के एलीट माने जाने वाले वेस्ट नागपुर के लोग भी सिविक सुविधाओं को लेकर म्युनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन से नाराज़ हैं। शहर में पार्क तो हैं, लेकिन सही टॉयलेट नहीं हैं, पार्कों में सही सुविधाएँ नहीं हैं। पुराने घरों की जगह पर बड़े-बड़े टावर बन रहे हैं, वहाँ रहने वाले परिवारों की आबादी तेज़ी से बढ़ रही है, लेकिन उसके मुकाबले ड्रेनेज सिस्टम में कोई सुधार नहीं हुआ है, सीमेंट की सड़कें तो बन गई हैं लेकिन बारिश का पानी निकालने की कोई सुविधा नहीं है। नागपुरकरों ने ऐसी कई समस्याएँ बताईं।

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