
Pali News : शहर में लगे मेलों से बाजारों में सन्नाटा, व्यापारी दुकानें बंदकर सड़क पर उतरे
Pali News : पाली शहर में लगने वाले मेलों से बाजार में प्रभावित हो रही ग्राहकी से नाराज व्यापारी सोमवार को सड़कों पर उतरे। शहर के मुख्य बाजार दोपहर 12 बजे तक बंद रखकर विरोध जताया। जुलूस निकालकर जिला कलक्टर से शहर में मेले लगवाना बंद करने का आग्रह किया।शहर के धानमंडी चौक में सुबह नौ बजे से व्यापारी एकत्रित होना शुरू हुए। वहां व्यापारियों ने मेलों के कारण ग्राहकी प्रभावित होने पर रोष जताया। वहां से नारे लगाते हुए जुलूस के रूप में बाइसी बाजार, सर्राफा बाजार, उदयपुरिया बाजार, राणा प्रताप चौक, रुई कटला, सोमनाथ, धौला चौतरा, सूरजपोल होते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे। कलक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन करते व्यापारी सड़क पर बैठ गए। वे बोले हम शहर के हर कार्य में प्रशासन के साथ रहते हैं। मेलों के कारण हमारी रोजी-रोटी प्रभावित हो रही है। मेलों पर रोक लगाई जानी चाहिए। इसके बाद प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा।कलक्टर ने किया आश्वासन
ज्ञापन देने के बाद व्यापारियों ने बाहर आकर बताया कि कलक्टर की ओर से कहा गया है, व्यारियों का नुकसान नहीं होने देंगे। मैं व्यापारियों की परेशानी जानता हूं। उन्होंने मेले बंद कराने का कहा है। इस दौरान विजयराज सोनी, दौलाराम पटेल सहित बड़ी संख्या में व्यापारी मौजूद रहे।दुकान बंद कराने को उलझे
धानमंडी में सुबह व्यापारी एकत्रित हुए। वहां एक दुकानदार प्रतिष्ठान खोलकर सामान जमाने लगा। इस पर सभी व्यापारियों ने उसे दुकान कुछ देर बंद रखने को कहा, लेकिन वह नहीं माना। इस पर दुकानदार व व्यापारियों के बीच नोकझोंक हुई। जुलूस के दौरान भी व्यापारी दुकानदारों से प्रतिष्ठान बंद करने का आग्रह करते हुए चले। इस पर जिन चंद दुकानदारों ने प्रतिष्ठान खोले थे, उन्होंने शटर नीचे कर दिए।शहर में रेडीमेड, कटलरी, कॉस्मेटिक, फुटवियर, साड़ी, मोबाइल, किराणा सहित अन्य सभी मिलाकर 5000 दुकानें है। शहर के अलग-अलग जगहों पर मनोरंज के नाम पर लगने वाले मेलों में बिना कर चुकराए सामग्री बेची जाती है।
-बाजार के व्यापारी जीएसटी सहित अन्य कर समय पर अदा करते हैं। मेलों में दुकान लगाने वाले ऐसा नहीं करते हैं। जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान होता है।
-मेलों में कम गुणवत्ता की सामग्री बेची जाती है। सेल व सस्ते के नाम पर सामान ग्राहकों को दे दिया जाता है।
-मेलों में खाने-पीने की स्टाॅल बिना लाइसेंस के चलाई जाती है। खाद्य सामग्री भी गुणवत्तपूर्ण नहीं होती है।
-मेलों में लगने वाले झूले भी बिना सुरक्षा के संचालित किए जाते हैं।
-मेलों के कारण व्यापारियों को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है।








