

खेल-खेल में एक बच्चा टॉफी की जगह एक पिन निगल गया। परेशानी बढ़ी तो सांस अटकने की समस्या के कारण उसकी जान सांसत में फंस गयी। बाद में परिजन उसे लेकर एम्स ऋषिकेश पंहुचे। जंहा विशेषज्ञ चिकित्सकों ने रिजिड ब्रोंकोस्कॉपी के माध्यम से श्वास नली में फंसी पिन निकालकर बच्चे की जान बचाने में सफलता हासिल की।
एम्स की पीडियाट्रिक इमरजेंसी में हाल ही में एक बच्चा गले में तेज दर्द होने और सांस लेने में परेशानी की शिकायत पर लाया गया था। बिजनौर के रहने वाले इस बच्चे के परिजनों ने बताया कि बच्चे के एक हाथ में टॉफी और दूसरे हाथ में में एक पिन थी।
खेल खेल में उसने गलती से से टॉफी की जगह पिन निगल ली। इससे उसके गले में तेज दर्द होने के साथ ही खांसी के साथ उसे सांस लेने में भारी दिक्कत होने लगी। जांचोंपरान्त चला कि उसके दाहिने ब्रॉन्कस (श्वास नली) में नोटिस बोर्ड में उपयोग की जाने सांस की नली अवरूद्ध हो गयी है। बच्चे का जीवन खतरे में देखते हुए डॉक्टरों द्वारा तत्काल ब्रोंकोस्कॉपी की आवश्यकता जतायी गयी।
इसके लिए संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह के मार्गदर्शन में विभिन्न विभागों के चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम गठित की गयी।
डॉ. मयंक मिश्रा, डॉ. बी सत्या श्री, डॉ. लोकेश अरोड़ा और डॉ. अजय कुमार के साथ मिलकर मल्टी डिसिप्लिनरी प्लानिंग तैयार की गयी।
डॉक्टर मयंक ने बताया कि रिजिड स्कोप के अंदर से फ्लेक्सिबल ब्रोंकोस्कोप और फोरसेप्स का इस्तेमाल करके पिन को बड़ी सावधानी पूर्वक निकाल लिया गया। चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी सत्या श्री ने बताया कि बच्चे को 2 दिन तक ऑब्जर्वेशन में में रखने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने प्रोसीजर करने वाली चिकित्सकों की टीम के कार्यों की प्रशंसा की है।







