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उत्तर प्रदेश की धरती पर महिला पुलिस की बहादुरी : सहारनपुर में गोकशी गिरोह पर नागल थाने की ऐतिहासिक कार्रवाई

थाना नागल की महिला उपनिरीक्षक सुमन और उनकी टीम ने गोकशी करने वाले गिरोह पर साहसिक कार्रवाई की।

उत्तर प्रदेश की धरती पर महिला पुलिस की बहादुरी : सहारनपुर में गोकशी गिरोह पर नागल थाने की ऐतिहासिक कार्रवाई

सहारनपुर, उत्तर प्रदेश। योगी सरकार के अपराध और अपराधियों पर ज़ीरो टॉलरेंस के अभियान के बीच सहारनपुर पुलिस ने सोमवार को एक बड़ी सफलता दर्ज की। थाना नागल की महिला उपनिरीक्षक सुमन और उनकी टीम ने गोकशी करने वाले गिरोह पर साहसिक कार्रवाई की। इस मुठभेड़ में पुलिस की जवाबी फायरिंग से एक बदमाश घायल हो गया, जबकि तीन अन्य आरोपियों को मौके पर ही दबोच लिया गया। पुलिस ने आरोपियों के पास से एक तमंचा .315 बोर, एक खोखा, दो जिंदा कारतूस, दो अवैध चाकू, गोकशी के उपकरण और एक जिंदा गोवंश बरामद किया। यह कार्रवाई केवल अपराधियों की गिरफ्तारी तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि इसने महिला पुलिस कर्मियों की वीरता और प्रतिबद्धता को भी सामने लाकर रख दिया।

सूत्रों के अनुसार, थाना नागल पुलिस को बीती रात गोकशी की सूचना मिली थी। क्षेत्र में सक्रिय गिरोह की गतिविधियों पर पहले से नज़र रखी जा रही थी। महिला उपनिरीक्षक सुमन ने टीम के साथ जाल बिछाया और संदिग्धों को रोकने का प्रयास किया। लेकिन अपराधियों ने पुलिस को देखकर गोली चला दी। इस अचानक हमले के बाद पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की। इसी दौरान दरोगा सुमन ने साहस दिखाते हुए एक आरोपी के पैर पर निशाना साधा, जिससे वह मौके पर ही घायल होकर गिर पड़ा। बाकी तीन को पुलिस ने भागने से पहले ही दबोच लिया।

पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सागर जैन ने प्रेस वार्ता में बताया कि आरोपियों के कब्जे से न केवल हथियार बरामद हुए बल्कि गोकशी के उपकरण और एक जिंदा गोवंश भी मिला। यह साफ संकेत है कि गिरोह संगठित तरीके से गोकशी की घटनाओं को अंजाम देने की तैयारी कर रहा था। फिलहाल घायल आरोपी को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है और चारों के खिलाफ कड़ी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

गोकशी केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला अपराध ही नहीं बल्कि कानूनन भी एक गंभीर अपराध है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस पर रोक लगाने के लिए कई सख्त प्रावधान किए हैं। बावजूद इसके, अवैध गोकशी का धंधा पूरी तरह खत्म नहीं हो सका है। पुलिस की हालिया कार्रवाई यह दर्शाती है कि गोकशी गिरोह लगातार सक्रिय हैं और पुलिस को चौकस रहना पड़ता है।

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि अब पुलिसिंग केवल पुरुषों तक सीमित नहीं है। महिला उपनिरीक्षक सुमन ने जिस साहस और पेशेवर अंदाज़ में मुठभेड़ को संभाला, वह अन्य महिला पुलिस कर्मियों के लिए प्रेरणा है। उत्तर प्रदेश पुलिस में महिला बल की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है और मिशन शक्ति जैसे अभियानों के ज़रिए महिलाओं को अग्रिम पंक्ति में लाया जा रहा है। सहारनपुर की यह कार्रवाई इस बात का जीता-जागता उदाहरण है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि गोकशी की घटनाएं लंबे समय से क्षेत्र में तनाव का कारण रही हैं। जब अपराधियों के खिलाफ पुलिस इतनी सख्त कार्रवाई करती है तो जनता का मनोबल बढ़ता है। एक ग्रामीण ने बताया, “पुलिस की इस कार्रवाई से हमें भरोसा हुआ है कि अब अपराधी चाहे किसी भी जाति, धर्म या पेशे से हों, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।”

एसपी ग्रामीण सागर जैन ने यह भी कहा कि पुलिस लगातार ऐसे संगठित गिरोहों पर नज़र रख रही है। गोकशी की सूचना मिलने पर तुरंत छापेमारी की जाती है। लेकिन अपराधी भी अब आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे पुलिस के लिए चुनौतियां बढ़ रही हैं। ऐसे में तकनीकी निगरानी, खुफिया तंत्र की मजबूती और स्थानीय जनता की भागीदारी बेहद ज़रूरी है।

सहारनपुर पुलिस की यह कार्रवाई न केवल अपराधियों के लिए चेतावनी है बल्कि पूरे प्रदेश की महिला पुलिस बल की बहादुरी का भी प्रतीक है। मुठभेड़ में महिला उपनिरीक्षक सुमन द्वारा दिखाई गई वीरता यह दर्शाती है कि अब महिलाएं भी किसी से कम नहीं हैं और कानून-व्यवस्था की रक्षा में अग्रिम पंक्ति में खड़ी हैं। गोकशी जैसे संवेदनशील अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस की यह कार्यवाही लंबे समय तक याद रखी जाएगी।

✍️ रिपोर्ट : एलिक सिंह
संपादक – समृद्ध भारत समाचार पत्र
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