A2Z सभी खबर सभी जिले की

स्वास्थकर्मियो के लिए आयोजित किया गया प्रशिक्षण कार्यक्रम।

प्रेस विज्ञप्ति: 27 नवंबर 2024
जिला स्वास्थ्य समिति
जेपीएन अस्पताल परिसर, गया
…………………………

एनीमिया पीड़ित गर्भवती के लिए जरूरी है आइवी आयरन सुक्रोज की खुराक

पांच ग्राम से कम हीमोग्लोबिन होने पर अतिगंभीर एनीमिया

आइवी आयरन सुक्रोज से हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में मददगार

स्वास्थ्यकर्मियों के लिए आयोजित किया गया प्रशिक्षण कार्यक्रम

स्वास्थ्य विभाग, यूनिसेफ व एम्स पटना के सहयोग से प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

गया, 27 नवंबर: एनीमिया का गंभीर असर महिलाओं व किशोरियों पर पड़ता है। गर्भावस्था में गंभीर एनीमिया मातृत्व व शिशु मृत्यु का कारण भी बनता है। इससे सुरक्षा के लिए प्रसव पूर्व जांच जरूरी है ताकि खून में हीमोग्लोबिन के स्तर की जानकारी मिल सके। गर्भवती के खून में हीमोग्लोबिन की कमी को आइवी आयरन सुक्रोज की मदद से पूरा किया जा सकता है। आइवी आयरन सुक्रोज की सुविधा लेने से गर्भवती के खून में हीमोग्लोबिन की कमी दूर की जाती है और प्रसव के दौरान की जोखिमों को कम करने में मदद मिलती है।

यह बातें सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार ने बुधवार को एनीमिया मुक्त कार्यक्रम के तहत सभी प्रखंडों के मेडिकल अफसर तथा एएनएम के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन कही। प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन जिला स्वास्थ्य समिति, युनिसेफ तथा आॅल इंडिया इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल सांइसेज, पटना के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। इस मौके पर डीपीएम नीलेश कुमार, डीआईओ डॉ राजीव अं​बष्ट, यूनिसेफ से राज्य सलाहकार प्रकाश सिंह तथा पोषण पदाधिकारी डॉ संदीप घोष, एम्स से डॉ संतोष कुमार सहित अन्य वरीय चिकित्सक व स्वास्थ्य पदाधिकारी मौजूद रहे।

10 ग्राम हीमोग्लोबिन हल्का एनीमिया का संकेत:
डॉ संतोष निराला ने तकनीकी जानकारी देते हुए बताया कि प्रसव से पूर्व एनीमिया ग्रसित गर्भवती की पहचान कर कर एनीमिया से सुरक्षा प्रदान के लिए चिकित्सीय सहायता प्रदान करना आवश्यक है। बताया कि गर्भवती महिलाओं के खून में 11 ग्राम प्रति डेसीलीटर हीमोग्लोबिन होने पर उसे एनीमिया मुक्त माना जाता है। जबकि 10.0 से 10.9 ग्राम प्रति डेसीलीटर हीमोग्लोबिन होने पर इसे हल्का एनीमिया ग्रसित माना जाता है। 7.0 से 9.9 ग्राम प्रति डेसीलीटर हीमोग्लोबिन होने पर मध्यम एनीमिया ग्रसित, 5.0 से 7.0 ग्राम प्रति डेसीलीटर हीमोग्लोबिन होने पर गंभीर एनीमिया ग्रसित और 5.0 से कम हीमोग्लोबिन होने पर अतिगंभीर एनीमिया ग्रसित माना जाता है।

एनीमिया के लक्षणों की पहचान है जरूरी:
डॉ संदीप घोष ने बताया एनीमिया से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। अत्यधिक थकान और सांस लेने में तकलीफें, चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना,सिरदर्द, पीली त्वचा, तेज़ दिल की धड़कन,कम रक्तचाप आदि एनीमिया के लक्षण हैं। महिलाओं और किशारियों को समय-समय पर हीमोग्लोबिन की जांच अवश्य करानी चाहिए। जांच में एनीमिया ग्रसित पाए जाने पर चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा संबंधित लाभार्थियों को आइवी आयरन सुक्रोज का लाभ उपलब्ध कराना चाहिए। स्वास्थ्यकर्मी एनीमिया ग्रसित महिला को आइवी आयरन सुक्रोज लगवाना सुनिश्चित करें।

जानिए क्या है आइवी आयरन सुक्रोज ए​डमिन्स्ट्रिेशन:
डीपीएम नीलेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं में खून की कमी को पूरा करने के लिए आयरन और कैल्सियम की दवाओं के बाद अब आयरन सुक्रोज इंजेक्शन से गर्भवती महिलाओं में खून की कमी को दूर किया जाता है। एनीमिया के इलाज का एक तरीका नसों में आयरन या आयरन का इंजेक्शन है, जिसे शरीर में आयरन और हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने के लिए सुई के माध्यम से नस में पहुंचाया जाता है।

त्रिलोकी नाथ डिस्ट्रिक्ट डिवीजन हेड गया
वन्दे भारत लाइव टीवी न्यूज

Check Also
Close
Back to top button
error: Content is protected !!