
– पुण्यतिथि पर याद किए गए राष्ट्रपति पदक प्राप्त शिक्षक राममूर्ति यादव
सोनभद्र(राकेश कुमार कन्नौजिया)_राष्ट्रपति पदक प्राप्त शिक्षक राममूर्ति यादव की पुण्यतिथि पर बुधवार को स्मृति व्याख्यान माला व कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने राममूर्ति जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनके व्यक्तित्व व कृतित्व को याद किया।
यह आयोजन हिनौता, मधुपुर स्थित उनके आवास पर सुपुत्र शिक्षक बलराम कृष्ण यादव के संयोजन में किया गया। वाणी वंदना करते हुए कवयित्री कौशल्या कुमारी चौहान ने राह दिखा दे माँ, ज्योति जला दे माँ तथा श्रृंगार की पंक्ति अगर किसी से दगा करोगे, तुझे मोहब्बत नहीं मिलेगी सुनाकर वातावरण सृजित किया।
ओज के सशक्त हस्ताक्षर प्रभात सिंह चंदेल ने देश को नमन करते हुए,मजहब एक हिंदुस्तान होना चाहिए सुनाकर हुंकार भरी। प्रदुम्न त्रिपाठी एडवोकेट शहीद स्मारक करारी ने, पड़े जरूरत जब भी वतन को कफन बांध हम आयेंगे, काश लहू का इक इक कतरा भारत माँ के काम आये सुनाकर देश को नमन किया। दिवाकर दिवेदी मेघ ने, आदमी आज कितना रह गया है आदमी, आदमी के पास से अब जा रहा है आदमी सुनाकर गतिज उर्जा दिये। अशोक तिवारी ने तुमसे हमने प्यार किया और क्या किया, यूँ जिंदगी गुजार दिया और क्या किया सुनाकर वाहवाही लूटी।
गोपाल कुशवाहा ने बुढ़िया माई रचना सुनाकर बुजुर्गों का दर्द उकेरा और विसंगति को मुखर स्वर दिया सराहे गये। राधेश्याम पाल ने बेहतरीन गजल हूँ मुसाफिर चार दिन का गाँव छोड़े जा रहा हूँ सुनाकर लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कौशल्या कुमारी चौहान व संचालन गोपाल कुशवाहा ने किया।
इस अवसर पर कमल देव यादव इंजीनियर, कामता प्रसाद एडवोकेट, रामकिशन यादव, विनोद कुमार सिंह, रवि भूषण सिंह, बलराम यादव प्रधान, अनिल सिंह, नंदकिशोर, कमलेश कुमार सिंह, रामनरेश आदि रहे।