
जिला ब्यूरो रिपोर्टर
बिलासपुर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष अंतर सिंह आर्य ने बिलासपुर प्रवास के दौरान पत्रकारों से बातचीत में आदिवासी समाज से जुड़े कई मुद्दों पर समर्थन जताया, लेकिन कई सवालों पर गोलमोल जवाब देकर चर्चा टालने का प्रयास भी किया। दो दिनों की बैठक में आदिवासी समाज की समस्याओं पर विचार-विमर्श कर उन्होंने योजनाओं की समीक्षा की और प्रधानमंत्री से संवाद की पहल को लेकर आश्वासन दिया, लेकिन कई संवेदनशील मुद्दों पर स्पष्टता नहीं दिखी।
पेशा कानून लागू न होने की स्वीकारोक्ति
पत्रकारों के सवालों के बीच पेशा कानून को लेकर उन्होंने कहा इसे गंभीरता से लागू किया जाएगा। प्रधानमंत्री से इस मामले में चर्चा चल रही है। आदिवासी समाज के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा और उनके साथ अन्याय नहीं होगा। प्रधानमंत्री लगातार आदिवासियों से संवाद कर रहे हैं।”लेकिन जब झारखंड, ओडिशा और अन्य राज्यों में इसके लागू न होने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने स्वीकार किया, “झारखंड और ओडिशा में यह लागू नहीं है। कई अन्य राज्यों में भी इसकी प्रभावशीलता सीमित है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी इसके क्रियान्वयन में कमियाँ हैं। हमने इसे ऊपर तक पहुँचाया है और इसे गंभीरता से लिया जा रहा है। आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पेशा। कानून को गंभीरता से लागू किया जाए। इस बात को लेकर मुख्यमंत्री से संवाद करेंगे। पत्र भी लिखेंगे और आदिवासियों के हितों के संवर्धन की बात भी करेंगे।









