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ऑपरेशन सवेरा: मुजफ्फरनगर पुलिस ने पकड़ा 68 किलो गांजा, 25 लाख की बरामदगी, नशे के खिलाफ बड़ी कार्यवाही

“ऑपरेशन सवेरा – नशे के अंधकार से जीवन के उजाले की ओर” के तहत मीरापुर पुलिस ने एक ऐसी बड़ी कार्यवाही की है

📰 ऑपरेशन सवेरा: मुजफ्फरनगर पुलिस ने पकड़ा 68 किलो गांजा, 25 लाख की बरामदगी, नशे के खिलाफ बड़ी कार्यवाही

मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश | 09 सितम्बर 2025 — जनपद मुजफ्फरनगर में नशे के खिलाफ चल रहे विशेष अभियान “ऑपरेशन सवेरा – नशे के अंधकार से जीवन के उजाले की ओर” के तहत मीरापुर पुलिस ने एक ऐसी बड़ी कार्यवाही की है जिसने पूरे जिले में अपराधियों के बीच हड़कंप मचा दिया है और पुलिस की साख को मजबूत किया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देशन में की गई इस कार्रवाई में पुलिस ने एक शातिर तस्कर को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से 68 किलो गांजा बरामद किया है, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 25 लाख रुपये आंकी गई है। यही नहीं, तस्करी में प्रयुक्त एक ह्युंडई सेंट्रो कार भी सीज की गई है। यह पूरी सफलता इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि लंबे समय से पुलिस नशे के इस काले कारोबार को जड़ से खत्म करने के लिए अभियान चला रही थी और इस ऑपरेशन ने यह साबित कर दिया कि अपराधी चाहे कितने भी चालाक क्यों न हों, कानून की पकड़ से बच नहीं सकते।

यह पूरी कार्यवाही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण आदित्य बंसल, क्षेत्राधिकारी जानसठ यतेन्द्र सिंह नागर और थाना प्रभारी मीरापुर बबलू कुमार के कुशल नेतृत्व में की गई। पुलिस टीम नियमित चेकिंग कर रही थी कि तभी एक ह्युंडई सेंट्रो कार (UK 08 AA 9407) पुलिस टीम को देखकर अचानक पीछे मुड़कर भागने लगी। पुलिस को शक हुआ और तुरंत पीछा किया गया, जिसके बाद कार से एक अभियुक्त को मौके पर ही पकड़ लिया गया जबकि उसका दूसरा साथी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार होने में सफल रहा। जब पुलिस ने कार की तलाशी ली तो सभी के होश उड़ गए क्योंकि कार के अंदर से भारी मात्रा में गांजा बरामद हुआ जिसका वजन 68 किलोग्राम निकला। बरामद किए गए गांजे की बाजार में अनुमानित कीमत करीब 25 लाख रुपये बताई जा रही है।

गिरफ्तार अभियुक्त की पहचान रमेश पुत्र रूपचंद निवासी कुटेनी रोड, दलवीर नगर, थाना किला, जिला पानीपत (हरियाणा), उम्र करीब 50 वर्ष के रूप में हुई है। वहीं, फरार अभियुक्त का नाम संजय पुत्र गुलाब निवासी विद्यानंद कॉलोनी, वार्ड 12, पानीपत, हरियाणा बताया गया है। पुलिस ने मौके से कार को सीज कर लिया और फरार आरोपी की तलाश के लिए दबिशें दी जा रही हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही फरार अभियुक्त भी सलाखों के पीछे होगा।

पकड़े गए तस्कर रमेश से की गई प्रारंभिक पूछताछ में उसने बड़ा खुलासा किया। उसने बताया कि वह और उसका साथी संजय पिछले लंबे समय से मादक पदार्थों की तस्करी का धंधा कर रहे हैं। वे उड़ीसा से सस्ते दामों पर गांजा खरीदते हैं और फिर उसे मुजफ्फरनगर, शामली, पानीपत और आसपास के जिलों में ऊंचे दामों पर बेचते हैं। इस अवैध धंधे से वे मोटा मुनाफा कमाते थे। रमेश ने माना कि आज भी वे उड़ीसा से ही गांजा लाकर बेचने के इरादे से लौट रहे थे कि पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। पुलिस को यह भी शक है कि इनके तार बड़े अंतरराज्यीय गिरोह से जुड़े हुए हो सकते हैं और इस मामले में और भी लोग शामिल हो सकते हैं।

गिरफ्तार अभियुक्त का आपराधिक इतिहास भी कम गंभीर नहीं है। उस पर पहले से भी कई मुकदमे दर्ज हैं। इसमें मुकदमा संख्या 05/2015 थाना शाहपुर, मुजफ्फरनगर शामिल है, जिसमें आबकारी अधिनियम की धाराओं 60/62/72 व भारतीय दंड संहिता की धाराएं 420, 467, 468, 471 के अंतर्गत गंभीर आरोप लगे थे। यही नहीं, मौजूदा बरामदगी का मुकदमा मु0अ0सं0- 181/2025, धारा 8/20 एनडीपीएस एक्ट थाना मीरापुर के तहत दर्ज किया गया है। यह इतिहास साफ करता है कि अभियुक्त पेशेवर किस्म का अपराधी है और लंबे समय से नशे के इस कारोबार में सक्रिय है।

इस सफलता का श्रेय पुलिस टीम के साहस और तत्परता को जाता है। पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक बबलू कुमार, प्र0नि0 राजीव कुमार (सर्विलांस सेल), उ0नि0 मोहित कुमार, है0का0 विकास सिरोही (सर्विलांस सेल), का0 नितिन कुमार (सर्विलांस सेल), है0का0 जितेन्द्र सिंह, का0 सचिन कुमार और का0 मोहित चौधरी शामिल थे। इस टीम ने बिना समय गंवाए न केवल तस्करों का पीछा किया बल्कि एक आरोपी को दबोचकर बड़ी मात्रा में गांजे की खेप भी बरामद की। अधिकारियों ने इस टीम की बहादुरी और कुशलता की सराहना की है।

“ऑपरेशन सवेरा” मुजफ्फरनगर पुलिस का वह अभियान है जो जिले को नशे की गिरफ्त से आजाद कराने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत लगातार छापेमारी और निगरानी की जा रही है। पुलिस ने यह स्पष्ट किया है कि नशे का कारोबार करने वाले चाहे कितने भी शातिर क्यों न हों, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। इस अभियान से अब तक कई छोटे-बड़े तस्कर पकड़े जा चुके हैं और बड़ी मात्रा में अवैध मादक पदार्थ बरामद किए गए हैं। इस कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पुलिस नशे के खिलाफ कितनी गंभीर है।

स्थानीय नागरिकों ने भी इस कार्रवाई की प्रशंसा की है। उनका कहना है कि नशे का कारोबार समाज की जड़ों को खोखला कर रहा है और पुलिस की ऐसी सख्त कार्रवाई से युवाओं को बचाया जा सकता है। नशे के खिलाफ यह लड़ाई तभी सफल होगी जब समाज और पुलिस मिलकर काम करेंगे।

कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि इस मामले में आरोपी को कड़ी सजा मिल सकती है क्योंकि एनडीपीएस एक्ट के तहत पकड़े गए मादक पदार्थ की मात्रा बड़ी है और आरोपी का आपराधिक इतिहास भी है। अगर अदालत में आरोप सिद्ध होते हैं तो आरोपी को लंबे समय की सजा भुगतनी पड़ सकती है।

इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह साफ कर दिया कि नशे का कारोबार समाज और राष्ट्र दोनों के लिए घातक है और इससे निपटने के लिए पुलिस का सख्त और निरंतर अभियान बेहद जरूरी है। मुजफ्फरनगर पुलिस ने “ऑपरेशन सवेरा” के जरिए जिस तरह से इस बड़े नेटवर्क पर वार किया है, वह आने वाले समय में तस्करों के लिए सबक साबित होगा और युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने में सहायक होगा।

✍️ रिपोर्ट: एलिक सिंह, संपादक – वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़ / समृद्ध भारत समाचार, उत्तर प्रदेश महासचिव – भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद, 📞 8217554083

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