
ककोलत जलप्रपात में सैलानियों की भारी भीड़ से ककोलत से अकबरपुर तक लगा भीषण जाम, चार घंटे तक फंसे रहे वाहन, प्रशासन मौन
गोविंदपुर (नवादा)। भीषण गर्मी में राहत की तलाश कर रहे सैकड़ों सैलानी नवादा जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल ककोलत जलप्रपात की ओर उमड़ पड़े। बुधवार की दोहरी गर्मी की वजह से जलप्रपात की ओर जाने वाले रास्तों पर ऐसी भीड़ जुटी कि ककोलत से लेकर अकबरपुर तक सड़क पर जाम की लंबी लकीर खिंच गई। लगभग चार घंटे तक लगे इस भीषण जाम ने आम लोगों से लेकर पर्यटकों तक को बेहाल कर दिया।
सुबह 9 बजे से शुरू हुआ जाम, दोपहर 1 बजे तक फंसे रहे लोग
जाम की शुरुआत सुबह करीब 9 बजे उस वक्त हुई जब नवादा, गया, शेखपुरा और झारखंड के गिरिडीह जैसे जिलों से सैलानियों के वाहन ककोलत जलप्रपात की ओर बढ़ने लगे। धीरे-धीरे भीड़ बढ़ती गई और प्रशासन की ओर से ट्रैफिक नियंत्रण के कोई पुख्ता इंतजाम न होने के कारण सड़क पर वाहन धीरे-धीरे रेंगने लगे। ककोलत से लेकर थाली चौक, पहलवान मोड़ चौक होते हुए अकबरपुर तक जाम की स्थिति बन गई। दोपहर करीब 1 बजे के बाद कहीं जाकर स्थिति थोड़ी सामान्य हो सकी।
राहगीरों, छात्र-छात्राओं और मरीजों को हुई भारी परेशानी
इस भीषण जाम का असर सिर्फ सैलानियों पर ही नहीं पड़ा, बल्कि स्थानीय लोग भी खासे परेशान रहे। स्कूल, कॉलेज और काम पर जाने वाले छात्र-छात्राओं व कर्मियों को निर्धारित समय पर पहुंचना मुश्किल हो गया। मरीजों को लेकर जा रही गाड़ियां भी घंटों तक जाम में फंसी रहीं, जिससे आपात स्थितियां उत्पन्न हो गईं।
व्यापार में बढ़ोत्तरी, लेकिन अव्यवस्था से दुकानदार भी परेशान
ककोलत के रास्ते में लगने वाले दुकानदारों के लिए यह भीड़ दोहरी स्थिति लेकर आई। एक ओर दुकानों पर ग्राहकों की संख्या बढ़ी, जिससे व्यापार में वृद्धि हुई, वहीं दूसरी ओर जाम और अव्यवस्थित ट्रैफिक के कारण ग्राहकों की पहुंच बाधित रही। एक दुकानदार ने बताया, “बिक्री तो हो रही है, लेकिन ग्राहक ठीक से दुकान तक नहीं आ पा रहे। अगर प्रशासन ने जल्द व्यवस्था नहीं सुधारी, तो अगली बार लोग आना ही बंद कर देंगे।”
प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों ने प्रशासनिक उदासीनता पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि हर साल ककोलत में गर्मी के दिनों में भारी भीड़ लगती है, लेकिन इसके बावजूद न तो पुलिस बल की तैनाती होती है, न ही कोई यातायात नियंत्रण योजना बनाई जाती है। सड़क पर अवैध पार्किंग और वाहनों की अनियंत्रित आवाजाही से हालात और बिगड़ जाते हैं।
स्थानीयों की मांग: हो स्थायी समाधान
ग्रामीणों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द ट्रैफिक पुलिस की स्थायी तैनाती की जाए, ककोलत मार्ग पर अस्थायी पार्किंग की व्यवस्था की जाए






