
Mamta chauhan District Reporter HARIDWAR UTTARAKHAND
हरिद्वार 14 नवंबर जापान के बाला कुंभ मुनि को निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर की पदवी प्रदान की गई है जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज की अध्यक्षता में निरंजनी अखाड़े में आयोजित भव्य समारोह में सभी 13 अखाड़े के संतों की उपस्थिति में वैदिक रीति से बाला कुंभ मुनि का पटाभिषेक किया गया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज के संचालन में आयोजित पटाभिषेक समारोह में सन्यास परंपरा के अनुसार सबसे पहले बाला कुंभ मुनि के कानों से कुंडल उतारे गए इसके बाद वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उन्हें संन्यास दीक्षा प्रदान की गई। जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी राज राजेश्वराश्रम महाराज ने उनके कान में गुरु मंत्र फूका और उन्हें सन्यास परंपरा से जोड़ते हुए दीक्षा प्रदान की। इसके बाद सभी संतो ने उन पर पुष्प वर्षा और चादर विधि कर उनका महामंडलेश्वर पद पर अभिषेक किया । सन्यास दीक्षा प्राप्त करने और महामंडलेश्वर बनने के बाद स्वामी बाला कुंभ मुनि अब स्वामी बालानंद कुंभ पुरी के नाम से जाने जाएंगे।
पटाभिषेक समारोह को संबोधित करते हुए स्वामी राज राजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि पूरी दुनिया सनातन संस्कृति को अपना रही है सनातन संस्कृति की पताका फहराने में युगो युगो से संत समाज की अहम भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि युवा और विद्वान संत महामंडलेश्वर स्वामी बालानंद कुंभ पूरी पूरे विश्व में सनातन धर्म संस्कृति की पताखा फहराएंगे।
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा युवा संत महामंडलेश्वर स्वामी बालानंद कुंभ पूरी सन्यास और अखाड़ा परंपरा का पालन करते हुए पूरे विश्व के युवाओं को धर्म और अध्यात्म से जोड़ते हुए सनातन को मजबूत करने का काम करेंगे श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि अपनी आध्यात्मिक यात्रा के दौरान महामंडलेश्वर स्वामी बालानंद कुंभ पूरी जापानी समाज को मार्गदर्शन प्राप्त करने के साथ धार्मिक लक्ष्य को प्राप्त करेंगे महान दर्शन भारती और महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि महामंडलेश्वर स्वामी बालानंद कुंभ पुरी महाराज अखाड़े की परंपराओं को मजबूत करेंगे। महामंडलेश्वर स्वामी बालानंद कुंभ पुरी महाराज ने सभी संत महापुरुषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह सौभाग्यशाली हैं उन्हें स्वामी राज राजेश्वराश्रम एवं श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज के सानिध्य में अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है उन्होंने कहा जो जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है अखाड़े की परंपराओं के अनुसार उसकी पूरी निष्ठा के साथ पालन करते हुए समाज को अध्यात्म का ज्ञान प्रदान कर धर्म मार्ग पर अग्रसर करना ही उनके जीवन का लक्ष्य होगा।
समारोह में सभी संत महापुरुषों और जापान से आए अतिथियों का फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद, स्वामी चिद विलासानंद, स्वामी गर्व गिरी, स्वामी आदि योगी पुरी,स्वामी रवि देव शास्त्री, महंत सूर्यांश मुनि, महंत राजगिरी, स्वामी सरिता गिरी, बाबा हठयोगी, स्वामी ऋषिवरानंद, महंत देवानंद सरस्वती, महत सूरज दास, स्वामी शुभम गिरी संघ नेता पदम सिंह, महंत अरुण दास महंत दुर्गादास, सहित बड़ी संख्या में संत महापुरुष मौजूद रहे। जापान से आए सैकड़ो भक्तों ने संतों से आशीर्वाद लिया।





