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नखतपुर में संयुक्त टीम ने विवादित भूमि की पैमाइश की, चकरोड का सीमांकन स्पष्ट—अधिवक्ताओं ने हड़ताल खत्म करने पर लिया निर्णय आज

संयुक्त पैमाइश के बाद अधिवक्ताओं ने खत्म की हड़ताल, प्रशासन ने चकरोड बहाली का आदेश जारी किया

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कासिमाबाद। नखतपुर गांव में चकरोड विवाद के समाधान के लिए शुक्रवार को राजस्व टीम और अधिवक्ताओं की सात सदस्यीय टीम ने संयुक्त रूप से विवादित भूमि की पैमाइश की। लगभग तीन घंटे तक चली यह प्रक्रिया शांतिपूर्ण रही। पैमाइश के बाद राजस्व टीम ने चकरोड का प्राथमिक सीमांकन अभिलेखों के अनुसार चिह्नित किया, जिसके बाद विवाद के समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति सामने आई है।

संयुक्त टीम सुबह 10 बजे पहुंची नखतपुर

एसडीएम लोकेश कुमार के निर्देश पर राजस्व विभाग की टीम, जिसमें लेखपाल, कानूनगो और राजस्व निरीक्षक शामिल थे, सुबह 10 बजे नखतपुर पहुंची। उनके साथ अधिवक्ताओं की टीम के सदस्य—
संजय तिवारी, जयप्रकाश यादव, दामोदर सिंह यादव, आत्माराम दूवे, नरेंद्र सिंह, मनीष सक्सेना और अभिषेक सिंह—
समिति के रूप में मौजूद रहे।

सभी अभिलेख खोले गए, मापा गया पूरा क्षेत्र

टीम ने गांव के खसरा-खतौनी अभिलेखों का मिलान कर विवादित भूखण्ड और चकरोड की पैमाइश शुरू की। जीपीएस मशीन और पारंपरिक नाप उपकरण दोनों का उपयोग किया गया। ग्रामीणों और पक्षकारों की उपस्थिति में राजस्व टीम ने यह स्पष्ट किया कि अभिलेखों में दर्ज चकरोड किस दिशा और चौड़ाई में स्थित है।

चकरोड का सीमांकन लगभग स्पष्ट

पैमाइश के दौरान प्रारंभिक रूप से यह सामने आया कि चकरोड का एक हिस्सा संकुचित मिला है। टीम ने सीमांकन के लिए चूना डलवाकर चकरोड की वास्तविक स्थिति को चिह्नित किया। कई स्थानों पर ग्रामीणों और पक्षकारों ने आपत्ति भी दर्ज कराई, लेकिन राजस्व टीम ने उन्हें स्थल पर अभिलेख दिखाकर संतुष्ट किया।

अधिवक्ताओं ने कहा—संतुष्ट हैं, अंतिम निर्णय बैठक में

पैमाइश पूरी होने के बाद अधिवक्ताओं ने मीडिया से कहा कि राजस्व टीम ने निष्पक्षता के साथ काम किया है। अब वे तहसील परिसर में बार सदस्यों के साथ बैठक कर अंतिम निर्णय लेंगे कि हड़ताल समाप्त की जाए या नहीं।

सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सुभाष चंद्र तिवारी ने कहा,
“हमारी मुख्य मांग चकरोड को चिह्नित करने की थी, आज पैमाइश संतोषजनक ढंग से हुई है। अब हम सामूहिक निर्णय लेंगे।”

एसडीएम ने जताया समाधान का भरोसा

उपजिलाधिकारी लोकेश कुमार ने कहा कि शुक्रवार की पैमाइश से विवाद का 90 प्रतिशत हिस्सा स्पष्ट हो गया है।
“हमारा प्रयास है कि दोनों पक्षों की संतुष्टि के साथ मामला निपट जाए। पैमाइश की रिपोर्ट तैयार करके बार को सौंप दी जाएगी।”

गांव के लोगों ने राहत की सांस ली

नखतपुर गांव में लंबे समय से चल रहे चकरोड विवाद के समाधान की दिशा में यह बड़ा कदम माना जा रहा है। ग्रामीणों ने उम्मीद जताई कि अब आवागमन की समस्या से राहत मिलेगी।

कासिमाबाद। नखतपुर गांव में की गई संयुक्त पैमाइश के बाद आखिरकार विवाद का समाधान निकल आया। शनिवार को तहसील परिसर में हुई अहम बैठक में अधिवक्ताओं ने तीन दिनों से चल रही अपनी हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की। प्रशासन ने पैमाइश रिपोर्ट के आधार पर चकरोड को बहाल करने और अवैध अतिक्रमण हटाने का आदेश जारी कर दिया है।

👉 पैमाइश रिपोर्ट से साफ हुआ विवाद

राजस्व टीम द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में यह साफ हो गया कि अभिलेखों में दर्ज चकरोड की वास्तविक चौड़ाई से कुछ हिस्सा संकुचित था। रिपोर्ट में अतिक्रमण वाले हिस्सों को स्पष्ट रूप से अंकित किया गया है।

एसडीएम लोकेश कुमार ने कहा—
“पैमाइश में मिली तथ्यात्मक स्थिति के आधार पर चकरोड को यथावत बहाल करने का आदेश दिया गया है। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई अगले 48 घंटे में शुरू हो जाएगी।”

👉 अधिवक्ताओं ने की बैठक, हड़ताल खत्म

शनिवार दोपहर 3 बजे सेंट्रल बार और तहसील बार की संयुक्त बैठक बुलाई गई।
विस्तृत चर्चा के बाद अधिवक्ताओं ने कहा कि चकरोड की स्थिति स्पष्ट होने और बहाली के आदेश जारी होने के बाद उनकी प्रमुख मांग पूरी हो गई है।

बार सदस्यों ने एकमत से हड़ताल समाप्त करने का प्रस्ताव पारित किया।
सेंट्रल बार के पूर्व अध्यक्ष सुभाष चंद्र तिवारी ने कहा—
“प्रशासन ने निष्पक्ष कार्रवाई की है। हम न्यायिक कार्य को बाधित नहीं रखना चाहते, इसलिए हड़ताल तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती है।”

👉 ग्रामीणों ने फैसले का स्वागत किया

नखतपुर गांव के ग्रामीणों ने अधिवक्ताओं व प्रशासन दोनों का आभार व्यक्त किया।
लोगों का कहना है कि चकरोड विवाद वर्षों से तनाव का कारण बना हुआ था, जिसका समाधान अब स्पष्ट रूप से मिल गया है।

👉 अतिक्रमण हटाने की तैयारी शुरू

राजस्व टीम और पुलिस संयुक्त रूप से सोमवार से चकरोड बहाली का काम करेगी। जरूरत पड़ने पर जेसीबी मशीन लगाई जाएगी।

प्रभारी तहसीलदार कौशल चौरसिया ने बताया—
“अवैध कब्जा हटाने की प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से कराई जाएगी। दोनों पक्षों से बात कर ली गई है।”

👉 तहसील परिसर में फिर लौटी रौनक

अधिवक्ताओं की हड़ताल खत्म होने के साथ ही तहसील परिसर में कामकाज सामान्य होने लगा।
लोगों की फाइलें निपटने लगीं और न्यायिक प्रक्रिया पटरी पर लौट आई।

निष्कर्ष

चक रोड विवाद का समाधान निकलते ही माहौल शांत हो गया है और प्रशासन ने समयबद्ध कार्रवाई का आश्वासन दिया है। अधिवक्ता और ग्रामीण इस निर्णय से संतुष्ट नजर आए।

वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज — गाज़ीपुर

Jitendra Maurya

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