
पूर्वांचल इन दिनों बाढ़ से जूझ रहा है। वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से महज 13 सेंटीमीटर नीचे हैं। आज रात गंगा खतरे के निशान को पार कर गई है। गंगा-वरुणा के तटवर्ती इलाकों में कोहराम मचा है तो ग्रामीण क्षेत्रों में हालात और भी भयावह हो गए हैं।
वहीं बलिया, मिर्जापुर, गाजीपुर और चंदौली समेत कई जिलों में नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। कई इलाकों में पानी घरों, स्कूलों और श्मशान घाटों तक पहुंच गया है। प्रशासन अलर्ट मोड पर है लेकिन हालात हर घंटे बिगड़ते जा रहे हैं
पूर्वांचल इन दिनों बाढ़ से जूझ रहा है। वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से महज 13 सेंटीमीटर नीचे हैं। आज रात गंगा खतरे के निशान को पार कर गई है। गंगा-वरुणा के तटवर्ती इलाकों में कोहराम मचा है तो ग्रामीण क्षेत्रों में हालात और भी भयावह हो गए हैं।
वहीं बलिया, मिर्जापुर, गाजीपुर और चंदौली समेत कई जिलों में नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। कई इलाकों में पानी घरों, स्कूलों और श्मशान घाटों तक पहुंच गया है। प्रशासन अलर्ट मोड पर है लेकिन हालात हर घंटे बिगड़ते जा रहे हैं।।
बनारस में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच रहा है। शनिवार शाम छह बजे के आंकड़ों के अनुसार गंगा का जलस्तर 71.13 मीटर दर्ज किया गया जो खतरे से निशान से महज 13 सेंटीमीटर दूर है। शनिवार सुबह आठ बजे गंगा तीन सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही थीं। दोपहर 12 और शाम चार बजे ढाई सेंटीमीटर स्पीड रहा। शाम छह बजे फिर तेज बढ़ाव हुआ और तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार दर्ज की गई। सीढ़ियां छोड़कर गंगा अब सड़कों पर प्रवाहित हो रही हैं।
तेज बढ़ाव के कारण पर्यटक, श्रद्धालु, स्थानीय निवासी मकानों में कैद हो गए हैं। घाटों के किनारे कई इलाके ऐसे हैं जहां से लोगों ने सामान समेटना शुरू कर दिया है। अस्सी में पार्किंग के बगल से घाट की ओर से जाने वाला मार्ग जलमग्न हो गया है। कई होयही हाल शिवाला, मानसरोवर घाट, चौकी घाट, पांडेय घाट, दरभंगा घाट, दशाश्वमेध, मुंशी घाट, मानमंदिर आदि क्षेत्रों का है। उधर, गंगा के पलट प्रभाव से वरुणा नदी के आसपास रहने वाले लोग सुरक्षित ठिकानों की ओर जा रहे हैं। एक दो दिन यही स्थिति रही तो बड़ी आबादी को पलायन करना पड़ सकता है।
बलिया में गंगा मीडियम फ्लड पार कर उच्चतम बिंदु की ओर बढ़ रहीं हैं। सदर और बैरिया तहसील की दो दर्जन से अधिक बस्तियां प्रभावित हैं। सभी घाट डूब चुके हैं। कई विद्यालयों मे पानी घुसने से पठन-पाठन बाधित हो गया है। संपर्क मार्ग डूबने से लोगों की आवाजाही मुश्किल हो रही है। नदी पार चक्की-नौरंगा के करीब 200 मकानों पर कटान पर संकट गहरा गया है।
गाजीपुर में भी गंगा तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहीं हैं। चंदौली में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर को पार कर खतरा बिंदु 71.26 मीटर के करीब पहुंच गया है। देर रात तक जलस्तर खतरा बिंदु पार कर सकता है। इस बीच डीएम और एसपी ने भ्रमण कर बाढ़ का जायजा लिया। टल, गेस्ट हाउस, मकान, दुकान पानी से भदोही में भी हालात बिगड़ते जा रहे हैं। कोइरौना इलाके में कई गांव बाढ़ के मुहाने पर खड़े हैं। जौनपुर में गोमती नदी ने भी रफ्तार पकड़ ली है। प्रशासन ने तटवर्ती लोगों को सचेत किया है। सोनभद्र में सोन नदी फिलहाल स्थिर है।
घाघरा नदी के जलस्तर में भी इजाफा
गंगा की डराती लहरों के बीच सरयू (घाघरा) नदी के जलस्तर में तेजी से बढ़ाव जारी है। आजमगढ़ के बदरहुआ में शुक्रवार शाम चार बजे नदी का जलस्तर 70.25 मीटर पर था। शनिवार को सुबह आठ बजे 70.47 मीटर पर पहुंच गया। यहां 12 घंटे में पर 22 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। अब खेतों और आबादी की ओर घाघरा नदी का पानी बढ़ रहा है। मऊ में भी जलस्तर में वृद्धि जारी है। यहां बीते 24 घंटे में 20 सेमी जलस्तर बढ़ा है। बलिया में भी यही स्थिति है।घिरे हैं।