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महाराष्ट्र राज्य में चलने वाली गाड़ी किसी की, नाम और फोटो किसी और का, ड्राइवर का बैकग्राउंड चेक नहीं, भगवान भरोसे रैपिडो की यात्री-सुरक्षा

महाराष्ट्र राज्य में चलने वाली रैपिडो की बाइक, ऑटो रिक्शे और कैब अवैध तरीके से चलाई जा रही हैं। इस सर्विस को इसलिए अवैध कहा जा रहा है, क्योंकि कंपनी को अब तक वैध एग्रीगेटर लाइसेंस प्राप्त नहीं हुआ है। हाल ही में परिवहन डिपार्मेंट ने ई-बाइक टैक्सी को प्रोविजनल लाइसेंस दिया है, जिसमें रैपिडो भी शामिल है। लेकिन अन्य किसी भी गाड़ियों के लिए कोइ मंजूरी नहीं दी गई है, यानी रैपिडो के पास कैब एग्रीगेटर लाइसेंस नहीं है।

मीनाक्षी विजय कुमार भारद्वाज/मुंबई
महाराष्ट्र राज्य में चलने वाली गाड़ी किसी की, नाम और फोटो किसी और का, ड्राइवर का बैकग्राउंड चेक नहीं, भगवान भरोसे रैपिडो की यात्री-सुरक्षा
महाराष्ट्र/मुंबई: महाराष्ट्र राज्य में चलने वाली रैपिडो की बाइक, ऑटो रिक्शे और कैब अवैध तरीके से चलाई जा रही हैं। इस सर्विस को इसलिए अवैध कहा जा रहा है, क्योंकि कंपनी को अब तक वैध एग्रीगेटर लाइसेंस प्राप्त नहीं हुआ है। हाल ही में परिवहन डिपार्मेंट ने ई-बाइक टैक्सी को प्रोविजनल लाइसेंस दिया है, जिसमें रैपिडो भी शामिल है। लेकिन अन्य किसी भी गाड़ियों के लिए कोइ मंजूरी नहीं दी गई है, यानी रैपिडो के पास कैब एग्रीगेटर लाइसेंस नहीं है। इस मामले पर जब रैपिडो से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने चुप्पी साध ली।मिली जानकारी के अनुसार, कोई भी व्यक्ति रैपिडो पर सर्विस दे सकता है। यानी ड्राइवर से संबंधित जानकारी चेक रखना भी जरूरी नहीं समझा जा रहा है। उदाहरण के तौर पर अगर कोई व्यक्ति अपने नाम की जगह किसी प्रसिद्ध व्यक्ति जैसे कि सलमान खान या शाहरुख खान का नाम भी इस्तेमाल करता है और फोटो की जगह पर किसी और का फोटो भी लगा देता है, तो भी उनका एप्लिकेशन कैप्टन के तौर पर मंजूर कर लिया जाता है। कुछ मामले तो ऐसे भी होते हैं, जहां कैप्टन के ऊपर केस दर्ज होता है, लेकिन उसे भी नजरअंदाज कर दिया जाता है। इस वजह से यात्री सुरक्षा पर कई सारे सवाल उठ खड़े हुए हैं ।आने वाले समय में राज्य में एग्रीगेटर पॉलिसी लागू होगी, लेकिन यदि किसी कंपनी के पास एग्रीगेटर लाइसेंस ही नहीं है, तो वह अपनी मनमानी कर सकते हैं। रैपिडो के पास अब तक अध्यक्ष डॉ. केशव सिरसागर का कहना है कि रैपिडो के पास अब तक एग्रीगेटर लाइसेंस नहीं है । हमने इसको लेकर आंदोलन भी किया है।बीते कुछ समय से ट्रांसपोर्ट के कई सारे मुद्दे उठाए गए हैं, जिसमें अनधिकृत बाइक-टैक्सी जैसा प्रमुख मुद्दा भी शामिल है। इसी के साथ-साथ यात्री सुरक्षा और ड्राइवर की मनमानी और एप्लीकेशन पर दिखने वाला गाड़ी नंबर और लोकेशन पर आने वाली गाड़ी नंबर भी अलग होना जैसे मुद्दे भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकते हैं। बताया गया है कि विवेक भीमनवार, परिवहन आयुक्त इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी, जल्द ही इस मामले पर कार्रवाई की जाएगी।फिलहाल महाराष्ट्र में एग्रीगेटर पॉलिसी नहीं है, इस वजह से कोई भी एग्रीगेटर कंपनी (ओला- उबर) राज्य में सर्विस देने के लिए अधिकृत नहीं है, उनके द्वारा लिया गया प्रोविजनल लाइसेंस भी एक्सपायर हो गया है। इस मामले में परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार का कहना है कि 2 हफ्ते के भीतर एग्रीगेटर पॉलिसी जारी की जाएगी।

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