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विभागीय अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा किसानों को पड़ रहा भुगतान सिंचाई के लिए परेशान

धार जिला ब्युरो गोपाल मारु की रिपोर्ट
 सरदारपुर। एक और सरकार किसानों की आय दो गुना करने का हर मंच से ढिंढोरा पिटती रहती है वहीं दूसरी और जल संसाधन विभाग के अधिकारी इसका उल्टा ही करने पर तुले हुए हैं किसान को लाभ मिले ना मिले पर हमको लाभ जरूर मिलना चाहिए ऐसा ही वाक्या बरखेड़ा में बरमंडल के नाम से  बने तालाब की  नहर में देखने को मिला जिसमें नहर में पानी छोड़ने के पहले नहर की साफ सफाई करनी होती है। और इसके लिए लाखों रुपए भी आते हैं लेकिन विभागीय अधिकारियों द्वारा इसमें भी सिर्फ खानापूर्ति कर दी जाती है जब बीना सफाई करें नहर में पानी छोड़ा जाता तो पानी अंतिम छोर के किसानों तक नहीं पहुंच पाता है । जिससे किसानों की फसलें सुख रहीं हैं विभागीय अनदेखी के कारण किसान परेशान है।हर साल सफाई के नाम पर हजारों रुपए आंतें है। नियमों के अनुसार नहरों को प्रारंभ करने से पहले सफाई होना आवश्यक रहता है। लेकिन नहरों से उपलब्ध होने वाला पानी दूर-दूर तक नहीं दिखाई दे रहा है।। वहीं खेतों में पानी नहीं पहुंचने से किसानों को परेशानी हो रही है।प्रकृति मेहरबान रही, जलाशय लबालब
इस वर्ष अच्छी बारिश के चलते क्षेत्र के तालाब अपनी जल क्षमता के अनुरूप पूर्ण रूप से भरे हुए हैं।
बरखेड़ा ,बरमंडल,अकोलिया
,छायन,बगासा,तलावपाडा  आदि ग्राम के अंतिम छोर तक के करीब 7 किलोमीटर लंबी नहरे निर्मित हैं। और लगभग 300 -400 किसानों की 800 हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है और सिंचाई के लिए पानी दिया जाता है वहीं क्षेत्र के तालाबों में 2016 के अब तक से चुनाव नहीं हो पाये है। और कोई समिति नहीं बनी हुई है। जलाशय से नहर को खोले एक माह बीतने के बावजूद वर्तमान समय तक अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच पाया है। आखिर पहुंचे भी केसे क्योंकि इनको भी मालुम है कि अगर पानी का प्रेसर बढ़ाया गया तो नहर अवर फ्लो होकर खेतों में पानी जो भरा सकता है क्योंकि नहर की सफाई ही नहीं हुईं हैं ऐसे में अब अंतिम छोर के किसानों द्वारा खेतों में बोइ गई फसलो में पानी देने के लिए नहरों से उपलब्ध होने वाले पानी का बेसब्री से इंतजार करते दिखाई दे रहे हैं। हालात को देखते हुए किसान अन्य जलश्रोतों से पानी की व्यवस्था कर खेतों में उग रही फसलों में पानी दे रहे हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
नहर की सफाई ही नहीं हुई है।नहर में घास ही घास उग रही है और आज दिनांक तक नहर में पानी नहीं आया है वहीं अधिकारियों का कहना है कि सफाई के नाम पर तीन तालाबों की राशि सिर्फ 60-70 हजार रुपए ही आते हैं जो किसी के गले नहीं उतर रही है सुत्र बताते हैं कि एक ही तालाब के मेंटेनेंस के लिए 60-70 हजार रुपए आते हैं।
राजु मारु किसान।…..
नहर की साफ सफाई ही नहीं हुई है और मेरे खेत में जाने वाले पानी को पड़ोसी किसान जगदीश मारु द्वारा बंद  कर दिया गया। जिसकी सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिसको भी विभागीय अधिकारियों द्वारा आपसी विवाद बताकर बंद कर दी गई।
शंकरलाल मारु किसान……
बीना सफाई करें ही नहर को खोल दिया जिससे पानी नहीं आ रहा है नहर खुले एक महिना बीतने को है पर मैरे खेत तक पानी नहीं पहुंच पाया है फसल भी सुख रहीं हैं
सुरेश मारु किसान।……
तीन तालाबों को मिलकर सिर्फ 60-70 हजार रुपए ही आते हैं इतनी कम राशि सही से केसे साफ सफाई हो सकती है
प्रविण रावल
समय पाल जलसंसाधन सरदारपुर
इनका कहना है
मुझे जानकारी मिली है अगर ऐसा है तो जांच कर कार्रवाई की जायेगी।
 अभिजीत पाटीदार
  • एसडीओ जलसंसाधन विभाग सरदारपुर ।
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