

जशपुर – एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल का पंद्रहवा दिन है किंतु शासन स्तर से अभी तक कर्मचारियों के नियमितीकरण सहित 10 सूत्रीय मांगों संविलयन , ग्रेड पे, अनुकंपा नियुक्ति, पब्लिक हेल्थ कैडर, कार्य मूल्यांकन में पारदर्शिता, स्वास्थ्य बीमा, अवकाश सुविधा, मेडिकल अवकाश, स्थानांतरण नीति, नियमित पद में आरक्षण के संबंध में कोई सार्थक पहल नहीं की गयी है.

पारंपरिक पद्धति से झाड़ फूंक कर किया विरोध प्रदर्शन….
आज एनएचएम कर्मचारियों ने अनोखा प्रदर्शन करते हुए छत्तीसगढ़ कि पारंपरिक झाड़ फूँक पद्धति के सहारे प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी के साथ साथ स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार पदो पर आसीन प्रशासनिक अधिकारियों को नींद से जगाने का प्रयास किया। और उम्मीद जताई कि शायद हमारे इस प्रयास से शासन के जिम्मेदार मंत्री व प्रशासनिक अधिकारियों तक हमारी समस्याएं और मांग उन तक पहुंचे। और उनकी तरफ से हमारे पक्ष मे कोई पहल हो।

मानव श्रृंखला बनाकर एकता का दिया संदेश…
आज एनएचएम जिला जशपुर के लगभग 840 कर्मचारियों ने संघ के प्रति अपने समर्पण और एकता का परिचय देते हुए अपनी नियमितीकरण सहित 10 सूत्रीय मांगों के समर्थन में धरनास्थल से जिला चिकित्सालय व कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तक मानव श्रृंखला बना प्रदर्शन किया। जिसमें कर्मचारियों ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों कि तकतिया लेकर शासन को अपनी एकता दिखाई। और स्पष्ट किया कि जब तक हमारी मांगों को शासन पूरा नहीं करती तब तक हड़ताल जारी रहेगा।
सत्ता पक्ष के मंत्री का मिला समर्थन….
अभी तक एनएचएम संघ को अन्य कर्मचारी संघों, जनता व विपक्षी दलों का मिल रहा था समर्थन किंतु एनएचएम की जायज मांगों और “मोदी गारंटी के वादे” के कारण सत्तापक्ष से लोकसभा सांसद श्री विजय बघेल द्वारा मांगों कि पूर्ति के संबंध में यथोचित कार्यवाही हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर समर्थन किया गया है।
जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित…
एनएचएम कर्मचारियों के निरंतर हड़ताल में रहने के कारण जिले के कई स्वास्थ्य संस्थाएँ पूर्णतः बंद है। मरीजों को ठीक से प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है। ज्यादातर मरीजों को या तो रेफर किया जा रहा है या मरीज़ निजी अस्पतालों कि ओर जा रहे हैं। अब यदि शासन ऐसे ही अड़ियल रुख बनाए रहती है और कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने कि पहल नहीं करती है तो जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था ढह जाएगी। फिर दोषी कौन होगा..?







