
सागर। वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज संवाददाता सुशील द्विवेदी। किसान की सोयाबीन फसल नष्ट होने पर राशि का भुगतान नहीं करने पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग ने बैंक पर जुर्माना लगाते हुए किसान को बीमा राशि का भुगतान करने का आदेश दिया है। परिवादी बालकृष्ण पिता ओमकार नेमा निवासी दुर्गावती वार्ड दुबे मोहल्ला खुरई ने डीसीबी बैंक शाखा प्रबंधक खुरई के अलावा प्रबंधक एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड शाखा कार्यालय नर्मदा पुरम रोड भोपाल के खिलाफ जिला उपभोक्ता विवाद प्रति क्षण आयोग में परिवाद पेश की थी। उन्होंने बताया कि उनका क्रेडिट कार्ड डीसीबी बैंक का है डीसीबी बैंक का है। कृषि भूमि ग्राम मरिया में 7.30 हेक्टेयर में है। केसीसी खाता से दिनांक 16 अगस्त 2018 को प्रीमियम 4326 दिनांक 15 जनवरी 2019 को प्रीमियम राशि 3011 रुपए और 30 जुलाई 2019 को प्रिया राशि 3524 लेकर बैंक ने विपक्ष बीमा कंपनी को भेज दिया था इसी बीच प्राकृतिक आपदा के कारण 2019-20 की रवि और खरीफ फसल नष्ट हो गई शान द्वारा निरीक्षण कर 60% फसल में नुकसान पाया। लेकिन बैंक और बीमा कंपनी ने फसल की क्षति राशि का भुगतान नहीं किया। उन्होंने परेशान होकर जिला उपभोक्ता आयोग में परिवादी लगाई गई। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग सागर के अध्यक्ष ने परिवाद पर सुनवाई शुरू की। परिवादी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने बताया की सुनवाई के दौरान बैंक ने अपना पक्ष रखते हुए माना की परिवारी का किसान क्रेडिट कार्ड बैंक खाता में है। और उससे प्रीमियम की राशि ली गई। परिवादी ने रवि और खरीफ 2019 में प्राकृतिक आपदा होने के संबंध में कोई प्रमाण पेश नहीं किया।। इस कारण से परिवाद निरस्त किए जाने का आवेदन किया गया। वही बीमा कंपनी ने अपना पक्ष रखते हुए कहां की उन्हें गलत जानकारी दी गई है। इस कारण बीमा का भुगतान नहीं किया गया। अधिवक्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधानों के अनुसार यह सुनिश्चित करेंगे की योजना संबंधित शाखा, पैक्स की गलतियों का योजना के तहत किसी भी लाभ से वंचित न रहे। ऐसी गलतियों के मामले में संबंधित संस्थान सभी प्रकार के नुकसान की भरपाई करेंगे। परिवादी को बीमा राशि नहीं मिली है जिस पर आयोग ने फैसला सुनाते हुए 2019 की खरीफ सोयाबीन फसल की बीमा राशि 68834 6% बयाज सहित पारिवारिक को भुगतान करने का आदेश डीसीबी बैंक को दिया है। साथ ही परिवादी को मानसिक और शारीरिक क्षति के रूप में₹6000, परिवाद व्यय ₹2000 का भुगतान 2 माह की अवधि में करने का आदेश दिया है।













