
‘महाराष्ट्र मे शासकिय धरोवरका निजिकरण का ट्रेंड तो नही।? महाराष्ट्र मे शासन कृत महावितरण(महामंडळ) को दरकिनार कर। बिजली वितरण निजी पुंजीवादी को सोपा क्यो सोपा जारहा है। अकोला (एळवण जो 115 एकड जमिन पर ‘अडाणी पावर ‘बना है) ईसके साथ साथ,मुंबई, ठाणे जिल्हेके भिवंडी, मुब्रा, शिळ परिसरके करंट पावर पालघर जिल्हे के,’अडानी पावर’ निजी कंपनी को बिजली वहण, वितरण की खुलेआम इजाजत दी गयी है। ऐसे नफेमे चलनेवाले कितणे शासकीय प्रोजेक्ट सरकार पुंजीवादी (निजिकरण के नाम पर)को सोप रही है। क्या यह देश के जनता,मतदाता के साथ धोका नही। ? उसके विरोध मे स्थानिक जनता मे काफी नाराजगी है।