

हरदोई। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में स्थित शाहाबाद कोतवाली में पुलिस हिरासत के दौरान एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस घटना के बाद न सिर्फ क्षेत्र में सनसनी फैल गई, बल्कि कोतवाली में सन्नाटा पसर गया।मृतक की पहचान रवि पुत्र रामराज राजपूत, निवासी अहमदनगर के रूप में हुई है। पुलिस ने उसे एक नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर ले जाने के आरोप में हिरासत में लिया था। शिकायत रामप्रसाद नामक व्यक्ति ने दर्ज कराई थी, जिन्होंने अपनी 16 वर्षीय पुत्री के लापता होने की जानकारी दी थी और रवि पर उसे बहलाकर भगाने का आरोप लगाया था
पुलिस सूत्रों के अनुसार, रवि ने हिरासत के दौरान थाने के अंदर फांसी लगा ली। हालांकि, इस दावे की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। कुछ सूत्र इस घटना को पुलिस हिरासत में मौत करार दे रहे हैं,जिससे पूरे मामले पुलिस की बड़ी लापरवाही की ओर इशारा कर रहे हैं। पुलिस रवि को शाम लगभग 7:50 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंची, जहां तैनात चिकित्सक डॉ. विक्रम ने उसे मृत घोषित कर दिया। लेकिन इसके बाद पुलिस रवि का शव लेकर बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के मौके से चले गई, जिससे स्थिति और अधिक संदिग्ध हो गई।घटना की सूचना मिलते ही अपर पुलिस अधीक्षक मार्तंड प्रकाश सिंह मौके पर पहुंचे। लेकिन तब तक शाहाबाद कोतवाली परिसर पूरी तरह सुनसान हो चुका था। जिससे पुलिस की जवाबदेही पर और भी सवाल खड़े हो गए हैं। भारत में हिरासत में किसी भी व्यक्ति की मौत की स्थिति में मजिस्ट्रेट जांच, पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी और स्वतंत्र जांच एजेंसी द्वारा छानबीन का प्रावधान है। इस मामले में फिलहाल इन प्रक्रियाओं का पालन होगा या नही यह तो बाद की बात है। शाहाबाद कोतवाली के भीतर हुई इस मौत ने एक बार फिर पुलिस कस्टडी में सुरक्षा और पारदर्शिता को लेकर बहस छेड़ दी है। प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो चुके हैं।











