
📰 मिशन शक्ति 5.0: नकुड़ में छात्राओं ने संभाली थाने की कमान, सीखी कानून-व्यवस्था की बारीकियां
✍️ रिपोर्ट : एलिक सिंह
संपादक – समृद्ध भारत समाचार पत्र
वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
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नकुड़ (सहारनपुर):
महिला सशक्तिकरण और युवाओं में कानून-व्यवस्था की जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से ‘मिशन शक्ति फेज 5.0’ के तहत सहारनपुर के नकुड़ थाने में बुधवार को एक अनूठा और प्रेरक कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह पहल न केवल छात्राओं को कानून के प्रति सजग बनाने की दिशा में थी, बल्कि उन्हें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा भी देती है।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से क्षेत्राधिकारी अशोक कुमार सिसोदिया, थाना प्रभारी निरीक्षक संतोष कुमार त्यागी, और एंटी रोमियो टीम की उपस्थिति रही। महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज की छात्राओं को थाना परिसर का विस्तृत भ्रमण कराया गया। छात्राओं ने थाने की कार्यप्रणाली, पुलिस की सुरक्षा योजनाओं और आपात स्थितियों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए किए जाने वाले प्रयासों को नजदीक से देखा और सीखा।
🌟 छात्राओं ने संभाली थाना प्रभारी की कुर्सी
कार्यक्रम की सबसे आकर्षक और उल्लेखनीय पहल यह रही कि कक्षा 12 की माही शर्मा, कक्षा 9 की इकरा, और कक्षा 9 की खुशी पंवार को कुछ समय के लिए ‘थाना प्रभारी’ की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस दौरान छात्राओं ने थाने में बैठकर जनसुनवाई की, नागरिकों की समस्याएं सुनीं और उनके समाधान के लिए सुझाव दिए।
माही शर्मा ने अनुभव साझा करते हुए कहा,
“थाना प्रभारी की कुर्सी पर बैठकर यह अनुभव हुआ कि समाज की समस्याओं को समझना और उनका समाधान करना कितना ज़िम्मेदारी भरा काम है। यह अनुभव मेरे लिए बेहद शिक्षाप्रद और आत्मविश्वास बढ़ाने वाला रहा।”
इसी तरह, इकरा और खुशी पंवार ने बताया कि इस अनुभव ने उन्हें कानून और अपने अधिकारों के प्रति और अधिक सजग बनाया। उन्होंने कहा कि अब वे न केवल अपनी सुरक्षा के प्रति सावधान रहेंगी बल्कि समाज में भी सकारात्मक भूमिका निभाने की दिशा में प्रेरित होंगी।
👮 पुलिस और छात्राओं के बीच विश्वास की कड़ी
क्षेत्राधिकारी अशोक कुमार सिसोदिया ने इस अवसर पर कहा,
“ऐसे कार्यक्रम युवाओं में पुलिस के प्रति विश्वास और भरोसा पैदा करते हैं। इससे उन्हें यह एहसास होता है कि पुलिस हमेशा उनकी सुरक्षा और सहायता के लिए तत्पर रहती है। ‘मिशन शक्ति’ का उद्देश्य सिर्फ जागरूकता फैलाना नहीं बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाना भी है।”
थाना प्रभारी संतोष कुमार त्यागी ने छात्राओं को बताया कि एंटी रोमियो टीम कैसे महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करती है और आपात परिस्थितियों में पुलिस सहायता कैसे प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा,
“छात्राओं को अपने अधिकारों और सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक होना चाहिए। पुलिस हर समय उनके साथ है और असामाजिक तत्वों पर सख्ती से कार्रवाई करती है। यह पहल उन्हें वास्तविक जीवन के अनुभवों से जोड़ती है।”
इस अवसर पर उन्होंने छात्रों को पुलिस के कार्य, सुरक्षा योजनाओं और अपराध रोकथाम के उपायों की बारीकियों से अवगत कराया।
👩✈️ एंटी रोमियो टीम की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में उपनिरीक्षक माधुरी शर्मा और उपनिरीक्षक कोमल पंवार सहित एंटी रोमियो टीम के सदस्यों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने छात्राओं को संकट की स्थिति में तत्काल सहायता प्राप्त करने की प्रक्रिया, हेल्पलाइन नंबर और स्वयं की सुरक्षा के उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
टीम ने यह समझाया कि किसी भी अनहोनी की स्थिति में किस प्रकार पुलिस और संबंधित विभाग तुरंत कार्रवाई कर सकते हैं। छात्राओं ने लाइव डेमोंस्ट्रेशन और केस स्टडी के माध्यम से यह समझा कि कानून-व्यवस्था में उनकी जागरूकता और सहभागिता कितनी महत्वपूर्ण है।
🌸 छात्राओं में बढ़ा आत्मविश्वास
थाना भ्रमण, जनसुनवाई और सुरक्षा उपायों का प्रत्यक्ष अनुभव छात्राओं के लिए यादगार और आत्मविश्वास बढ़ाने वाला रहा। यह पहल उन्हें केवल कानून के प्रति जागरूक नहीं बनाती बल्कि उन्हें सामाजिक जिम्मेदारियों की गंभीरता का एहसास भी कराती है।
माही शर्मा ने कहा कि यह अनुभव उन्हें भविष्य में समाज के हित में सक्रिय योगदान देने के लिए प्रेरित करेगा। इकरा और खुशी पंवार ने भी कहा कि अब वे न केवल अपने अधिकारों के प्रति सतर्क रहेंगी बल्कि समाज में महिला सुरक्षा और न्याय की दिशा में भी सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित हुई हैं।
🚨 मिशन शक्ति की दिशा में सार्थक पहल
नकुड़ थाने की यह पहल ‘मिशन शक्ति’ को ज़मीनी स्तर पर सफल बनाने का उदाहरण है। ऐसे कार्यक्रम न केवल छात्राओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाते हैं, बल्कि उन्हें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित भी करते हैं।
पुलिस-प्रशासन और समाज के बीच इस तरह की साझेदारी महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में ठोस कदम साबित होती है। इस प्रकार के कार्यक्रम युवाओं में नेतृत्व कौशल, सामाजिक जिम्मेदारी और कानून के प्रति सजगता पैदा करते हैं।
📌 निष्कर्ष
नकुड़ में आयोजित यह कार्यक्रम यह साबित करता है कि ‘मिशन शक्ति फेज 5.0’ केवल एक औपचारिक अभियान नहीं है, बल्कि यह युवा पीढ़ी को जागरूक करने, समाज को सुरक्षित बनाने और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाली एक प्रभावशाली पहल है।
छात्राओं का थाने में वास्तविक अनुभव और पुलिस अधिकारियों के मार्गदर्शन से उन्हें यह एहसास हुआ कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना समाज की जिम्मेदारी है और इसके लिए हर नागरिक का योगदान आवश्यक है।
इस तरह की पहल समाज में पुलिस के प्रति विश्वास पैदा करती है और महिलाओं को आत्मनिर्भर और सुरक्षित बनने की दिशा में प्रेरित करती है। नकुड़ थाने की यह पहल निश्चित रूप से मिशन शक्ति के उद्देश्य को सफल बनाने की दिशा में एक प्रेरक उदाहरण के रूप में सामने आई है।
✍️ रिपोर्ट : एलिक सिंह
संपादक – समृद्ध भारत समाचार पत्र
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