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कासिमाबाद। नखतपुर गांव में अधिवक्ता की भूमि पर जबरन चकरोड (रास्ता) बनाने और खेत जोत दिए जाने के आरोप को लेकर शुरू हुआ विवाद लगातार गहराता जा रहा है। इसी प्रकरण के विरोध में अधिवक्ताओं का तहसील परिसर में धरना शुक्रवार को चौथे दिन भी जारी रहा। लगातार बढ़ते तनाव और अधिवक्ताओं की नाराजगी के बाद भी मामले का समाधान अब तक नहीं निकल पाया है।
ग्रामीणों के विरोध से पहली टीम लौटी खाली हाथ
बृहस्पतिवार की शाम एसडीएम लोकेश कुमार के निर्देश पर राजस्व टीम और अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधि मंडल नखतपुर गांव भेजा गया था। उद्देश्य था विवादित भूमि का स्थलीय निरीक्षण और समाधान तलाशना, लेकिन मौके पर पहुंचे अधिकारियों को ग्रामीणों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। भीड़ के विरोध के आगे टीम को वापस लौटना पड़ा और स्थिति जस की तस बनी रही।
शुक्रवार को फिर गई राजस्व टीम, आधी पैमाइश पूरी
शुक्रवार की सुबह प्रभारी तहसीलदार कौशल चौरसिया धरना स्थल पर पहुंचे और अधिवक्ताओं से लंबी बातचीत की। इसके बाद वे राजस्व टीम के साथ दोबारा नखतपुर पहुंचे। अधिकारियों ने विवादित भूमि का पुनः सीमांकन शुरू कराया। देर शाम तक जमीन की आधी पैमाइश पूर्ण कर ली गई थी, जबकि शेष हिस्से का कार्य शनिवार को पूरा करने की बात कही गई।
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी सीमांकन से छेड़छाड़ का आरोप
धरना आंदोलन का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष कुमार ने बताया कि जिस भूमि को लेकर विवाद चल रहा है, उसका सीमांकन उच्च न्यायालय के आदेश पर अगस्त माह में कराया गया था। सीमांकन के दौरान स्थापित किए गए पत्थरगढ़ी के कई पत्थर ग्रामीणों द्वारा उखाड़ दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि करीब 12 मंडे के इस चक में किसी प्रकार का चकरोड अभिलेख में दर्ज नहीं है। इसके बावजूद गांव के कुछ लोग अधिवक्ता राजू चौहान के खेत में जबरन रास्ता बनवाने पर अड़े हुए हैं, जबकि इस खेत के ठीक बगल से पहले से ही चकरोड मौजूद है।
अधिवक्ताओं का आरोप: प्रशासन मामले को उलझा रहा
अधिवक्ताओं ने तहसील के उच्च अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन जानबूझकर इस प्रकरण को उलझाए रखने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अभिलेखों में जहां चकरोड दर्ज है, उसे वहीं रखा जाएगा। किसी भी दबाव में किसी भूमि स्वामी के खेत में जबरन रास्ता नहीं छूटने दिया जाएगा।
अधिवक्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक विवाद का निष्पक्ष और स्थायी समाधान नहीं निकलता, उनका धरना जारी रहेगा। उन्होंने शनिवार को भी हड़ताल और धरने को जारी रखने का ऐलान किया।
धरना स्थल पर भारी संख्या में जुटे अधिवक्ता
धरने में सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव, तहसील बार अध्यक्ष संजय तिवारी, जय प्रकाश यादव, सुभाष चंद्र तिवारी, योगेंद्र यादव, रवि प्रकाश तिवारी, आलोक कुमार दुबे, नरेंद्र सिंह, पंकज कुमार पांडेय समेत बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे।
प्रशासन की सफाई: पैमाइश अंतिम चरण में
उधर, प्रभारी तहसीलदार कौशल चौरसिया ने बताया कि राजस्व टीम ने शुक्रवार देर शाम तक विवादित भूमि के दोनों ओर पैमाइश कर दी है। शेष कार्य शनिवार को पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद पूरी रिपोर्ट एसडीएम को भेजी जाएगी और उसी आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
नखतपुर गांव में बढ़ते तनाव और चार दिनों से जारी अधिवक्ताओं का धरना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। अब पूरा मामला शनिवार की पैमाइश रिपोर्ट पर निर्भर करता है कि विवाद का समाधान निकलता है या टकराव और बढ़ता है।







