
गोविंदपुर में शोक की लहर: मध्य विद्यालय विष्णुपुर में कार्यरत रसोइया सुनैना देवी की ड्यूटी के दौरान आकस्मिक मृत्यु
गोविंदपुर (विशेष प्रतिनिधि): प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय विष्णुपुर में कार्यरत रसोइया सुनैना देवी की सोमवार को ड्यूटी के दौरान अचानक मौत हो गई। इस दुखद और हृदयविदारक घटना से न सिर्फ विद्यालय परिवार बल्कि पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 50 वर्षीय सुनैना देवी मध्यान्ह भोजन योजना के अंतर्गत विद्यालय में रसोइया के रूप में कार्यरत थीं। वे रोज की तरह सोमवार सुबह भी विद्यालय पहुंची थीं और बच्चों के लिए खाना बना रही थीं। इसी दौरान उन्हें अचानक लकवे (स्ट्रोक) का अटैक आया, जिससे वे अचेत होकर गिर पड़ीं। यह देख अन्य कर्मियों और शिक्षकों में अफरा-तफरी मच गई। विद्यालय प्रशासन ने तुरंत उनके परिजनों को सूचना दी और एक स्थानीय चिकित्सक को भी बुलाया गया। परिजन उन्हें घर ले गए, जहां डॉक्टर ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुनील कुमार ने बताया कि सुनैना देवी करीब 10 वर्षों से विद्यालय में सेवा दे रही थीं और अत्यंत समर्पित व कर्मठ रसोइया थीं। उनके पति, स्वर्गीय सूर्य देव प्रसाद भी इसी विद्यालय में रसोइया थे। लगभग 12 वर्ष पहले उन्हें भी ड्यूटी के दौरान लकवा मार गया था, जिससे उनकी मृत्यु हो गई थी। इसके बाद विद्यालय प्रशासन द्वारा मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए उनकी पत्नी सुनैना देवी को रसोइया के पद पर नियुक्त किया गया था।
घटना की जानकारी मिलते ही विद्यालय परिसर में गमगीन माहौल पसर गया। दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि देने के लिए विद्यालय में एक शोक सभा का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रधानाध्यापक सुनील कुमार ने की। इस अवसर पर सहायक शिक्षक राजेश कुमार, उच्च माध्यमिक विद्यालय विष्णुपुर के प्रधानाध्यापक नील पद्म सिंह सहित कई शिक्षक और कर्मचारी मौजूद रहे। सभी ने सुनैना देवी को श्रद्धांजलि अर्पित की और दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
विद्यालय प्रशासन और शिक्षकों ने इस घटना को पूरे विद्यालय परिवार के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया है। छात्रों में भी इस खबर से शोक का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि सुनैना देवी मिलनसार और जिम्मेदार महिला थीं, जो हमेशा अपने कार्यों को पूरी निष्ठा से करती थीं।
यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि शिक्षा व्यवस्था में कार्यरत सहायक कर्मचारियों की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण होती है। सुनैना देवी की सेवा, समर्पण और आकस्मिक निधन की यह घटना लंबे समय तक लोगों की स्मृति में जीवित रहेगी।