
+++++ शनिवार 27 सितंबर 2025, नागपुर ++++++++
नवरात्र का पावन पर्व चल रहा है। वर्ष में दो बार नवरात्रि एवं दो बार गुप्त नवरात्रि आती है। इस समय शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व मनाया जा रहा है। नवरात्र में महाअष्टमी एवं महानवमी का विशेष महत्व होता है। महाअष्टमी, महानवमी के अवसर पर अधिकतर भक्तजन कन्या पूजन हवन आदि करते हैं। इस बार शारदीय नवरात्र दस दिनों की है। शारदीय नवरात्र अष्टमी तिथि सोमवार 29 सितंबर 2025 को शाम 04:31 को प्रारंभ होगी और 30सितंबर मंगलवार को 06:06 शाम तक रहेगी । पंचांग अनुसार इस बार दुर्गा महाअष्टमी 30सितंबर मंगलवार को पड़ रही है। इसके दूसरे दिन 01 अक्टूबर बुधवार को दुर्गा महानवमी मनाई जायेगी। इन दोनों दिनों में आदिशक्ति मां दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना वंदना कन्या पूजन धार्मिक अनुष्ठान किया जाता है। यह दोनों दिन माता दुर्गा की पूजा के लिए महत्वपूर्ण समय माना जाता है।इन दिनों में विशेष रूप से कन्या पूजन का महत्व है शारदीय नवरात्र के आठवें महाअष्टमी के दिन नवदुर्गा के महागौरी की पूजा का विधान है। पौराणिक मान्यतानुसार भगवान शिव की प्राप्ति के लिए माता गौरी ने कठोर तपस्या की थी, जिससे इनका शरीर काला पड़ गया था। जब भगवान शिव ने माता को दर्शन दिया तब भोलेनाथ की कृपा से माता शरीर गौर वर्ण का हो गया। दुर्गा महाअष्टमी 30 सितंबर मंगलवार को सुबह 05:01मिनट से सुबह 06:13मिनट तक कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त रहेगा। दूसरा मुहूर्त सुबह 10:41मिनट से दोपहर 12:11मिनट तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:47मिनट से 12:35 मिनट के बीच भी कन्या पूजन कर सकते हैं। पंचांग अनुसार दुर्गा महानवमी तिथि का आरंभ 01 अक्टूबर बुधवार को सुबह 05:01 मिनट से सुबह 06:14मिनट तक रहेगा। इसके अतिरिक्त दोपहर 02:09मिनट से 02:57मिनट तक भी महानवमी पर कन्या पूजन कर सकते हैं। धार्मिक मान्यतानुसार नवरात्र के दौरान दस वर्ष तक की कन्याओं की पूजा करना उत्तम माना जाता है। कन्याओं के साथ एक बालक की भैरो बाबा के रूप मेः भी पूजा जाता है। नवरात्र का प्रत्येक दिन महत्वपूर्ण होता है, पर दुर्गा महाअष्टमी महानवमी का दिन विशेष होता है। इन दिनों में कन्या पूजन के साथ साथ हवन पूजन भी किया जाता है। दुर्गा महाअष्टमी पर देवी महागौरी का विधिवत पूजन कर पूड़ी हलुवा खीर काले चने नारियल आदि का भोग लगा सकते है।।दुर्गा महाअष्टमी पर देवी महागौरी की पूजा आराधना से कष्ट दुख दूर होते हैं, भक्तों को आयु सुख समृद्धि का वरदान मिलता है।